कर्मचारियों की आवाज दबाने के लिए धमकाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को सचिवालय परिसर में विभिन्न संघों के पदाधिकारियों ने राजेश धर्माणी को निशाने पर लिया। महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने धर्माणी को वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जिला बिलासपुर के अलावा प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने की चेतावनी भी दी।
महंगाई भत्ते और एरियर की मांग को लेकर मुखर सचिवालय कर्मचारी सेवाएं महासंघ ने कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंत्री पर कर्मचारियों की आवाज दबाने के लिए धमकाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को सचिवालय परिसर में विभिन्न संघों के पदाधिकारियों ने राजेश धर्माणी को निशाने पर लिया।
महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि धर्माणी घुमारवीं के विधायक हैं तो मैं सचिवालय का विधायक हूं। धर्माणी पहली बार मंत्री बने हैं, लेकिन मैं तीसरी बार सचिवालय यूनियन का ‘मुख्यमंत्री’ बना हूं। धर्माणी यह न सोचें की हमें कटौती होने जैसे बयान देकर डरा लेंगे। संजीव ने कहा कि धर्माणी को मंत्री बनाकर अब मुख्यमंत्री सुक्खू भी शायद पछता रहे होंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान की ओर से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से दबाव डलवाकर मंत्री बने धर्माणी अब गलत बयानबाजी से मुख्यमंत्री के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं। संजीव ने धर्माणी को वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जिला बिलासपुर के अलावा प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि धर्माणी जिस भी क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, वहां मेरा कर्मचारी साथी उनके खिलाफ होगा। दम होगा तो कर्मचारी से अधिक वोट लाकर दिखाएं।
तकनीकी शिक्षा और टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा है कि कर्मचारी नेता सिर्फ मोहरे हैं, षड़यंत्रकारी कोई और है। नेतागिरी चमकाने के लिए गलत बयानबाजी की जा रही है। मेरी ओर से कही गई बातों सहित तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है।