प्रदेश विधानसभा की दसवें दिन की बैठक सोमवार को फिर हंगामेदार हो सकती है। राज्य की वित्तीय स्थिति पर सोमवार को सदन में हंगामा हो सकता है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा की दसवें दिन की बैठक सोमवार को फिर हंगामेदार हो सकती है। राज्य की वित्तीय स्थिति पर सोमवार को सदन में हंगामा हो सकता है। दिलचस्प यह है कि सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही नियम-130 के तहत चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं। यानी सत्तारूढ़ दल इस विषय पर भाजपा को चर्चा के लिए चुनौती दे रहा है। पिछली सरकार की देनदारियों पर विपक्ष को घेरने की रणनीति बनाई जा रही है। वहीं, विपक्ष के विधायक भी प्रदेश में आर्थिक कुप्रबंधन के आरोप लगाकर सरकार का घेराव कर सकते हैं। नियम -130 के तहत हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर चर्चा के लिए कांग्रेस विधायकों भवानी सिंह पठानिया, चंद्रशेखर और केवल सिंह पठानिया ने प्रस्ताव दिया है।
उल्लेखनीय है कि विपक्ष के नेता की ओर से सदन की बैठक को सोमवार के बजाय शनिवार को करने का सुझाव दिया गया था, मगर मुख्यमंत्री इस बात पर अड़ गए कि सोमवार की ही बैठक हो, क्योंकि उन्हाेंने फाइलें निपटाने में व्यस्त होने की बात की। बाद में सदन की सहमति के बाद सोमवार ही नहीं, बल्कि मंगलवार को भी बैठक बुलाई गई। यानी सोमवार को बैठक का समापन होना था और इसे एक दिन आगे मंगलवार के लिए बढ़ाया। यही नहीं, पिछले कुछ समय से कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन-पेंशन समय पर न देने के मुद्दे पर भाजपा जहां राज्य सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप लगाकर मुखर रही, वहीं अब कांग्रेस ही इस पर सदन में चर्चा ला रही है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर इस मुद्दे पर सदन में दोनों ही पक्षों की ओर से तीर चलेंगे।
प्रश्नकाल में नाबार्ड को भेजी योजनाओं, स्वास्थ्य विभाग की हिमकेयर और आयुष्मान भारत योजना पर भी सवाल उठाए जाएंगे। इस पर सीएम सुक्खू जवाब देंगे। विधानसभा में सोमवार को राज्य के लीज रूल्स के तहत आवासीय कॉलोनियों के लिए भी बोनाफाइड हाउसिंग सोसाइटीज को भी आवासीय कॉलोनी बनाने के लिए सरकारी भूमि देने के बारे में नियम 130 के तहत चर्चा होगी। इस संबंध में विधायक संजय रतन, राकेश जमवाल, मलेंद्र राजन, प्रकाश राणा और विवेक शर्मा की ओर से चर्चा मांगी गई है। सोमवार को कांगड़ा के विधायक पवन काजल पेयजल समस्या और सुलह के विपिन सिंह परमार स्थानीय सिंचाई योजना की खराब हालत पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाएंगे।