भारतीय क्रिकेटर ऋषि धवन ने टी-20 और वनडे से संन्यास ले लिया है। व्हाइट बाल से संन्यास लेने के बाद वह अभी रणजी ट्रॉफी यानी रेड बाल के मुकाबले खेलेंगे। इन मुकाबलों के बाद वह रेड बाल से भी संन्यास लेने की तैयारी में हैं। क्रिकेट से फिलहाल वह पूरी तरह किनारा नहीं करेंगे। अब उनका फोकस वर्ल्ड वाइड होने वाली क्रिकेट लीग पर रहेगा।
संन्यास की घोषणा के दूसरे दिन ऋषि धवन सोमवार देर शाम मंडी पहुंचे। खास बातचीत करते हुए ऋषि धवन ने बताया कि क्रिकेट का सफर बेहद शानदार रहा। क्रिकेट से काफी यादें जुड़ी हुई हैं। हिमाचल के लिए कई साल खेला और इसके बाद भारतीय टीम से भी खेलने का मौका। यह यादगार सफर रहा है। हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन का पूरा सहयोग मिला। पूरे सफर पर मौजूदा सांसद अनुराग ठाकुर और अरुण धूमल का काफी सहयोग मिला।
कहा कि फिलहाल घरेलू क्रिकेट से संन्यास लिया है। भारतीय टीम में वापसी की राह नजर नहीं आ रही है। पिछले पांच-सात सालों में अच्छा प्रदर्शन किया कि भारतीय टीम में वापसी कर पाऊं। अब लगता है कि यह मुमकिन नहीं है। कई युवा आगे आ रहे हैं। अब उनकी बारी है। युवा बेहतर प्रदर्शन करेंगे तो आगे बढ़ेंगे। यह नहीं है कि वह क्रिकेट दूर होने जा रहा हैं। वह विश्व स्तर पर विकल्प को भुनाएंगे। अभी करीब पांच से सात साल खेलेंगे। वर्ल्ड वाइड होने वाली लीग का अनुभव लिया जाएगा और क्रिकेट खेलूंगा। अभी रेड बाल के मैच बचे हुए हैं। इन्हें खेलने के बाद संन्यास को लेकर फैसला लिया जाएगा।
बता दें कि ऋषि धवन मंडी शहर के रहने वाले हैं। टीम इंडिया से खेलने वाले वह इकलौते हिमाचली खिलाड़ी हैं। मंडी के पड्डल मैदान से क्रिकेट का सफर शुरू करने वाले ऋषि धवन ने कड़ी मेहनत कर भारतीय टीम का हिस्सा बनने तक का सफर तय किया। ऋषि धवन हिमाचल में यूथ आइकन हैं। 35 वर्षीय धवन मुख्य रूप से मध्यम गति के गेंदबाज ऑलराउंडर हैं। मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हैं।