कुदरत का कहर क्या बरपा, देश के सबसे लंबी लेह-दिल्ली (1026 किमी) रूट की बस खड़ी हो गई है। सवारियां नहीं मिलने से एचआरटीसी को लाखों का नुकसान हो रहा है। आठ जुलाई को प्रदेशभर में हुई भारी बारिश के बाद से जनजीवन अस्त-व्यस्त होने से लेह-दिल्ली रूट की बस सेवा भी बंद हो गई। 15 जुलाई को स्थिति में थोड़ी सुधार हुआ तो एचआरटीसी के केलांग डिपो ने लेह-दिल्ली के बीच 27 जुलाई तक बस सेवा को जारी रखा।

लेकिन सवारियां न मिलने से निगम को 28 जुलाई से लेह-दिल्ली के बीच अस्थायी तौर पर बस संचालन रोकना पड़ा और अब बस केलांग बस अड्डे में ही खड़ी है। 15 सितंबर से वैसे भी लेह के लिए सड़क अधिकारिक तौर पर बंद हो जाता है। केलांग डिपो के अड्डा प्रभारी संजय कार्की ने बताया कि लेह- दिल्ली के सवारियों के लिए बस केलांग बस अड्डे तैयार रहती है, लेकिन सवारियां नहीं मिलने से बस 28 जुलाई से खड़ी है। 

दर्रों से होकर रोमांचक सफर
इस रूट पर चलने वाली बस यात्रियों को रोमांचक सफर करवाती है। यात्री बारालाचा 16,500, नकिल्ला 15,547, तंगलंगला 17,480 और लाचुंग दर्रा (16,616 फीट) ऊंचे दर्रे से होकर गुजरती है। पर्यटक व आम सवारी मात्र 1736 रुपये में 1026 किमी के सफर का आनंद लेती है। निगम ने इस रूट पर आठ जून से बस सेवा को शुरू किया था। अभी एक माह भी बस संचालन नहीं हो पाया है। शुरुआत दौर में इस रूट पर निगम को अच्छी बुकिंग आई और निगम ने इस रूट पर एक और फैसला लिया था। लेकिन खराब मौसम और आपदा ने इस रूट को ही प्रभावित कर दिया है।

केलांग डिपो का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज
एक हजार से अधिक किमी का सफर और ऊंचे-ऊंचे दर्रों से होकर गुजरने वाली इस बस सेवा के लिए केलांग डिपो का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।