करीब 1,100 करोड़ से बना कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर्यटकों और आम लोगों के साथ अब बागवानों और किसानों के लिए भी आफत बनता जा रहा है। बारिश के बीच पिछले एक माह में यह हाईवे पांच बार बंद हो चुका है। हालांकि अब हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। 

हाईवे पर 10 दिन से ट्रकों की आवाजाही ठप है। इससे सेब की सप्लाई प्रभावित हो रही है। ट्रकों को फिलहाल कुमारहट्टी-नाहन-चंडीगढ़ सड़क से भेजा जा रहा है, लेकिन इसमें ट्रक चालकों को करीब 105 किमी का अतिरिक्त फेर पड़ रहा है। चंडीगढ़ पहुंचने के लिए तीन से चार घंटे ज्यादा लग रहे हैं।

सोलन से चंड़ीगढ़ पहुंचने के लिए डेढ़ घंटा लगता है। वाया कुमारहट्टी ट्रक चालकों को कोई मेकेनिक भी नहीं मिल रहा है। कई ट्रक चालक शिकायत कर चुके हैं कि वाहन खराब होने की स्थिति और दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई किमी दूर से मेकेनिकों को लाना पड़ रहा है। इसके अलावा इस सड़क पर पेट्रोल पंप भी नाममात्र हैं। ट्रकों को शुक्रवार को यहां से भेजने का प्लान था लेकिन अब फिर वही हालात हो गए हैं। शुक्रवार को भी कुमारहट्टी-नाहन-चंडीगढ़ सड़क से ही ट्रकों को आवाजाही हो रही है।

अरबों की सेब अर्थव्यवस्था टिकी है हाईवे पर..
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर ऊपरी शिमला की अरबों की सेब अर्थव्यवस्था टिकी है। इसके अलावा सोलन जिले से करोड़ों की नकदी फसलें भी इसी हाईवे से होकर दिल्ली और दूसरे राज्यों तक पहुंचती हंै।

गुरुवार देर रात को बारिश के चलते कालका-शिमला नेशनल हाईवे बंद हो गया था। इसे शुक्रवार सुबह करीब 11:30 तक छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया। बारिश से यहां पर बार-बार मलबा गिरने से दिक्कतें आ रही हैं……..