भारी बारिश-ओलावृष्टि की चेतावनी के बीच बुधवार देर रात शिमला, कांगड़ा, ऊना और हमीरपुर समेत कई इलाकों में अंधड़ चलने से भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश के लोग सहम गए। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से अंधड़ चला। इससे कई जगह एनएच पर ही पेड़ उखड़ गए, घरों के शीशे टूट गए। बिजली के तारों पर पेड़ गिरने से ऊना, कांगड़ा में कई जगह ब्लैकआउट हो गया। बुधवार देर रात कई जगह शादी-समारोह के पंडाल उड़ गए। अंधड़ के साथ-साथ झमाझम बारिश और ओलावृष्टि भी हुई। खेतों में गेहूं बिछ गई है। कटी फसल भीग गई है। सेब की फ्लावरिंग भी झड़ने की सूचना है।

इससे पहले देर शाम लाहौल घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्का हिमपात और निचले इलाकों में बारिश हुई। इस कारण तापमान अचानक लुढ़कने से घाटी में ठंड बढ़ गई। रोहतांग दर्रा, कुंजम, बारालाचा, शिंकुला समेत चोटियों पर हल्की बर्फबारी और केलांग समेत पट्टन के रिहायशी इलाकों में बारिश हुई। दिन को राजधानी शिमला समेत कई जगह हल्के बादल छाए रहे। शाम हाेते ही मौसम ने करवट बदली और पहले कांगड़ा में अंधड़ के साथ-साथ झमाझम बारिश का दौर शुरू हुआ। मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे पर कई जगह पेड़ गिरने से बीच-बीच में यातायात अवरुद्ध होता रहा।

राजधानी में बुधवार रात को तूफान ने कहर बरपाया। तूफान से एक दर्जन से ज्यादा पेड़ गिर गए। कहीं मकानों की छत उड़ गई। बिजली की एचटी और एलटी तारों पर पेड़ गिरने से कई क्षेत्रों में बिजली गुल हो गई। वीरवार सुबह भी शहर के कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। घोड़ा चौकी, रिचमाउंट, सब्जी मंडी, संजौली क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है। कई गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई है। बिजली बोर्ड के कर्मचारी लाइनों को दुरुस्त करने में जुटे है। बताया जा रहा है कि एक दर्जन से ज्यादा पेड़ गिरे हैं।