नेशनल चैंपियन बनी हिमाचल की बेटियां पूरी प्रतियोगिता में अजेय रहीं। प्रतियोगिता में हिमाचल ने हरियाणा को दो बार हराया। सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र के मिल्लाह गांव की पुष्पा राणा की अगुवाई में हिमाचल ने कबड्डी का खिताब अपने नाम किया है। विशेष बात यह है कि दूसरी बार पुष्पा राणा को टीम की कमान दी गई। फाइनल मुकाबले में उनकी दमदार कप्तानी और बेहतरीन खेल ने हरियाणा के खिलाफ 27-22 की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाई।


अमर उजाला से विशेष बातचीत के दौरान पुष्पा राणा ने कहा कि प्रशिक्षकों और साथी खिलाड़ियों के सहयोग और मेहनत से हिमाचल की टीम आज चैंपियन बनी है। उन्होंने सभी प्रशिक्षकों और एसोसिएशन का आभार जताया। टीम में ज्योति ने शानदार रेडिंग की। वहीं भावना और साक्षी ने डिफेंस में बेहतरीन कार्य किया। पुष्पा ने कहा कि कोच गोपाल दास्टा और मैनेजर देविका चौहान ने इस टीम को चैंपियन बनाने में भरपूर सहयोग दिया। 

11 जनवरी 1998 को जन्मी पुष्पा राणा को छोटी उम्र में ही कबड्डी का शौक रहा। पांचवीं कक्षा में ही उन्होंने राज्य कबड्डी चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और दसवीं कक्षा तक आते-आते प्रोफेशनल कबड्डी की दुनिया में कदम रख दिया। उन्होंने अपने मजबूत खेल से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। पुष्पा सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत का मान बढ़ा चुकी हैं। 2022 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रही हैं।

 सोलन के जखेड़ गांव की रहने वाली ज्योति ठाकुर ने यह साबित कर दिया है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। 2023 में घुटने में गंभीर चोट और उसके बाद ऑपरेशन जैसी कठिनाइयों के बावजूद ज्योति ने न सिर्फ मैदान में वापसी की, बल्कि राष्ट्रीय खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन कर सबका दिल जीत लिया। एक अहम मुकाबले के दौरान घुटने में गंभीर चोट आने के बाद ज्योति को ऑपरेशन कराना पड़ा। चिकित्सकों ने उन्हें लंबे आराम की सलाह दी, लेकिन कबड्डी के जुनून ने उन्हें कभी हार मानने नहीं दी। ज्योति ने अपने संघर्ष और मेहनत से तेजी से रिकवरी की और एक बार फिर से मैदान में लौट आई।