जिला कांगड़ा में 12 जुलाई, 2021 को मांझी खड्ड ने रौद्र रूप धारण कर करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। इस दौरान जहां कई कूहलें टूटी थीं, वहीं कई दुकानें और लोगों के मकान मांझी खड्ड की बाढ़ में आए पानी की भेंट चढ़े थे। लेकिन इस घटना के तीन साल बीतने के बाद भी हालात वैसे के वैसे ही हैं। इससे सबक लेने के बजाय आज भी शासन और प्रशासन किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है। तीन साल होने को हैं। बरसात का मौसम फिर सिर पर है, मगर आज दिन तक मांझी खड्ड के तटीकरण के लिए कोई कार्य नहीं किया गया। 

न ही खड्ड किनारे बसे प्रवासियों को हटाया गया है। अगर इस बार भी मांझी खड्ड ने पहले जैसा रौद्र रूप धारण किया तो पहले से भी ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है। 2021 में आई बाढ़ के कारण विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला की पासू पंचायत स्थित प्राइमरी स्कूल को तो दुरुस्त करवा दिया गया है, लेकिन खड्ड में बाढ़ से बचाव के लिए कोई क्रेटवाल तक नहीं लगाए गए हैं। तीन सालों से स्थिति पहले जैसी ही है। अगर बरसात में दिन के समय मांझी खड्ड का जल स्तर बढ़ा को कई मासूस बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। वहीं, मांझी खड्ड किनारे शीला चौक और चैतड़ू सहित कई अन्य स्थानों पर खड्डों के किनारे बसे प्रवासियों की जिंदगी पर भी खतरा मंडरा रहा है

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