मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार शाम हमीरपुर में कहा कि पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा को पूरा मान-सम्मान दिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली रैली हमीरपुर में की, उनके घर सुबह का नाश्ता किया। उनके काम किए, हमीरपुर बस स्टैंड का निर्माण कार्य शुरू करवाया। हमीरपुर में चीफ इंजीनियर इलेक्ट्रिकल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्यालय, परिवहन अपीलेट प्राधिकरण का कार्यालय खोला। गांधी चौक का सौंदर्यीकरण किया, हमीरपुर शहर में बिजली की तारों को हटाने के लिए 20 करोड़ रुपये जारी किए। बावजूद इसके आशीष शर्मा बिक गए।
सुक्खू ने कहा कि हमीरपुर के तीन विधायकों ने हमीरपुर जिला के मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार को हटाने का षड्यंत्र भाजपा के साथ मिलकर रचा। यह वही लोग हैं, जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को सुजानपुर में हराने की साजिश रची थी। ये लोग हमीरपुर विरोधी हैं, अपने जिला का मुख्यमंत्री नहीं चाहते। दुख होता है जब अपने जिले के तीन विधायक गद्दारी करें और अन्य जिलों के विधायक कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। 34 विधायकों की ताकत से आगे बढ़े और आज हमारे विधायकों की संख्या बढ़कर 38 हो चुकी है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार अभी साढ़े तीन साल और है। पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा बहरूपिया हैं, उन्होंने जनता के स्वाभिमान व अपने ईमान को भाजपा की राजनीतिक मंडी में बेचा है। उन्होंने अपने जिले के मुख्यमंत्री को धोखा दिया। वह सच्चा जनसेवक नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 महीने में क्षेत्र का विकास नहीं किया, अपने लिए 140 करोड़ के ठेके लिए। सारा रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जा चुका है, कोई भी आरटीआई ले सकता है
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने देहरा में कहा कि होशियार सिंह विधायक बनने के लिए नहीं, अपने अधूरे रिजॉर्ट का काम पूरा कराने के लिए वोट मांग रहे हैं। छह महीने पहले उन्होंने देहरा आकर क्षेत्र के लिए घोषणाएं कीं और अब कह रहे हैं कि उनके काम कांग्रेस सरकार में नहीं हो रहे थे। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने देहरा के मतदाताओं से एक बार पूछा तक नहीं। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजे बंद कर प्रदेश की आर्थिक स्थिति में 20 प्रतिशत का सुधार लाकर 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है।