प्रदेश में छह जगह बादल फटने की घटना के दो दिन बाद भी 45 लोग लापता है। रामपुर के समेज में 36 लोग अभी लापता हैं। राजबन में चार लापता हैं।
हिमाचल प्रदेश में छह जगह बादल फटने की घटना के दो दिन बाद भी 45 लोग लापता है। रामपुर के समेज में 36 लोग अभी लापता हैं। राजबन में चार लापता हैं। शनिवार को यहां एक महिला का शव मिला है। अब तक आठ शव मिल चुके हैं। समेज, बागीपुल, राजबन में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड जवानों की ओर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। करीब 250 जवानों का रेस्क्यू दल लापता लोगों की तलाश में जुटा है। शनिवार से जेसीबी मशीन तैनात कर दी है। वहीं सेना के खोजी कुत्ते भी लगाए गए हैं। अब रविवार सुबह फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू होगा।
शनिवार को एनडीआरएफ की टीम ने अस्थायी पुल का निर्माण करके सर्च ऑपरेशन खडड के दूसरी तरफ भी आरंभ किया है। पानी का बहाव तेज होने से दो दिन से अस्थायी पुल निर्माण करने में दिक्कत पेश आ रही थी। टीम ने आज सुबह से लेकर शाम तक खडड के दूसरे किनारे सर्च अभियान चलाया, लेकिन लापता लोगों के बारे सूचना पता नहीं चल पाई। सुन्नी में 61 सदस्यीय सर्च ऑपरेशन टीम व समेज में जारी सर्च ऑपरेशन में 301 जवान शामिल हैं। इनमें एनडीआरएफ के 67, पुलिस के 69, आईटीबीपी के 30 जवान, आर्मी के 110 जवान और सीआईएसएफ के 25 जवान शामिल हैं। जबकि सुन्नी में चल रहे सर्च अभियान में एनडीआरएफ के 30, एसडीआरएफ 14, पुलिस 7 और होमगार्ड के 10 कर्मी तैनात हैं।
बुधवार देर रात को श्रीखंड में बादल फटने के कारण आई बाढ़ से समेज कस्बे में भारी तबाही मच गई थी। बाढ़ की चपेट में आने से करीब 27 मकान बह गए थे। इस आपदा में चार प्रवासी मजदूर, ग्रीनको समेज परियोजना के सात कर्मचारी, 22 स्थानीय लोगों सहित 36 लोग लापता हो गए हैं। अब जिला प्रशासन ने मलबा हटाने के लिए अतिरिक्त छह मशीनें मंगवाई हैं, जो रविवार से आपदा स्थल पर लापता लोगों की तलाश करेगी। हालांकि लापता हुए लोगों के परिजन भी दिनभर तलाशी अभियान में जुटे रहे। बादल फटने से आए पानी और मलबे के कारण लापता लोगों को तलाश करना मुश्किल बना हुआ है। एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि बाढ़ में लापता हुए लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। रविवार से सात मशीनें तैनात कर मलबे में लापता लोगों की तलाश की जाएगी।