प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड अपार के माध्यम से विद्यार्थियों का मूल्यांकन करेगा। यह योजना सीबीएसई बोर्ड की ओर से शुरू की जा रही ‘परख’ की तर्ज पर होगी।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड अपार के माध्यम से विद्यार्थियों का मूल्यांकन करेगा। यह योजना सीबीएसई बोर्ड की ओर से शुरू की जा रही ‘परख’ की तर्ज पर होगी। इस दौरान अभ्यर्थियों को 30 घंटे का एक क्रेडिट मिलेगा जबकि साल में सात क्रेडिट होंगे। क्रेडिट अभ्यर्थियों के अकादमिक बैंक में जुड़ेंगे, जहां से उनकी प्रतिभा का मूल्यांकन किया जा सकेगा। अपार के माध्यम से तैयार अकादमिक बैंक के जरिये कंपनियां उनकी मांग के अनुरूप अभ्यर्थियों का चयन कर सकेंगी।
योजना में तीसरी, 5वीं, 8वीं, नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा को शामिल किया जाएगा। शिक्षा बोर्ड ने योजना पर काम शुरू कर दिया है। योजना के तहत छात्रों की अपार नाम से एक आईडी बनेगी। इसमें उनका अकादमिक डाटा रखा जाएगा। इसमें दर्शाया जाएगा कि कौन सा छात्र किस विषय में प्रतिभावान है और उसकी क्या रूचि है। अकादमिक बैंक के जरिये शिक्षा बोर्ड छात्रों का क्रेडिट डाटा भी तैयार करेगा। एक क्रेडिट 30 घंटे का होगा। साल में सात क्रेडिट होंगे, जो कि 210 घंटे किसी विषय पर पूर्ण करने पर मिलेंगे।
छात्रों का यह डाटा तीसरी, पांचवीं, आठवीं, नौंवी से 12वीं कक्षा के आधार पर तैयार होगा। अकादमिक बैंक में छात्रों के हर विषय की जानकारी उपलब्ध होगी। जब किसी कंपनी को अपने लिए प्रतिभावान की जरूरत होगी, तो अकादमिक बैंक के जरिये उनकी पहचान करना आसान होगा। इसके साथ ही कंपनी अपनी जरूरत के अनुरूप किसी भी प्रतिभा का चयन कर सकेगी। शिक्षा बोर्ड के सचिव डाॅ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि बोर्ड छात्रों का अकादमिक बैंक बना रहा है। बैंक ‘अपार’ के नाम से होगा। इसमें छात्रों की परख कर उनके क्रेडिट जोड़े जाएंगे। बैंक छात्रों के लिए काॅलेज के दौरान भी जारी रहेगा। इसके माध्यम से कंपनियां अभ्यर्थियों का अपनी सुविधा के अनुसार चयन कर सकेंगी।