प्रदेश सरकार मानसून सत्र में हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव पारित कर सकती है। यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाना प्रस्तावित है। 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू प्रस्तुत कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि तबाही के दृष्टिगत प्रदेश सरकार हिमाचल को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर चुकी है। राज्य सरकार इस संबंध में केंद्र सरकार से भी बार-बार मांग कर चुकी है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष भी उठा चुके हैं। वह आपदा के बाद हिमाचल प्रदेश को विशेष राहत पैकेज देने की मांग भी कर चुके हैं, मगर इस संबंध में अभी तक केंद्र सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। मुख्यमंत्री बार-बार दोहरा चुके हैं कि प्रदेश में करीब 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।

15 को श्वेत पत्र पर सचिवालय में होगी बैठक
 हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर राज्य सरकार इसी मानसून सत्र में श्वेत पत्र ला सकती है। राज्य सरकार बार-बार कह रही है कि प्रदेश पर करीब 90 हजार करोड़ रुपये का कर्जा अगर चढ़ा है तो यह पिछली सरकारों की देनदारियां हैं। भाजपा की पिछली जयराम सरकार सहित अन्य सरकारों को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया जा रहा है। इसके लिए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में सरकार ने एक कमेटी भी बनाई है, जो श्वेतपत्र तैयार करेगी। इस कमेटी की अग्निहोत्री की अध्यक्षता में 15 सितंबर को राज्य सचिवालय में बैठक होगी।