सत्ता में आने से पहले दस गारंटियों का वादा करने वाली हिमाचल प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने सोमवार को एक साल का कार्यकाल पूरा होने का धर्मशाला में जश्न मनाया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गारंटियों को पूरा करने की दिशा में मंच से चार बड़ी घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार आपदा के समय हिमाचल के साथ खड़ी नहीं हुई। प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक बुलाई और 4,500 कराेड़ रुपये का आपदा राहत पैकेज घोषित किया। एक साल में 10 में से तीन गारटियां पूरी की हैं। ओपीएस को लागू किया। अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी प्राथमिक स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से पहली-दूसरी कक्षा से अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई की शुरुआत होगी।। 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना को शुरू किया। इसके तहत बेरोजगारों के लिए ई-टैक्सी योजना शुरू की है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने चौथी गारंटी के रूप में लाहौल-स्पीति में 18 वर्ष की आयु से ऊपर की सभी महिलाओं को प्रथम चरण में 1500 रुपये देने की घोषणा की। बाद में सभी जिलों में इससे लागू किया जाएगा। सीएम ने कहा कि आगामी बजट में तीन और गारंटियों को पूरा किया जाएगा। कहा कि सभी महिलाओं को अगले साल से 1500 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। वहीं, अगले साल पहली जनवरी से किसानों से दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से गोबर खाद खरीदी जाएगी। सुक्खू ने एलान किया कि अभी सरकार 31 रुपये प्रति लीटर की दर से दूध खरीदती है। अब जनवरी 2024 से छह की रुपये बढ़ोतरी के साथ 37 रुपये प्रति लीटर पर दूध खरीदा जाएगा। छह रुपये बढ़ोतरी होगी। इसी साल 31 मार्च से पहले हजारों भर्तियां होंगी। जयराम सरकार में पांच साल में केवल 20 हजार भर्तियां हुई होंगी। वे भी कोर्ट के पचड़ों में फंसीं। हम एक साल में इतने पद भर रहे हैं।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आज के ही दिन उन्हें सरकार की जिम्मेदारी दी गई। उनके परिवार से कोई राजनीति में नहीं था। 40 साल से पार्टी की सेवा करता रहा, लेकिन कभी पद की लालसा नहीं रही। वह आम और किसान परिवार से आते हैं। आम लोगों का दर्द समझते हैं। आज के दिन शपथ ली। जब कैबिनेट का विस्तार हुआ तो पहली बैठक में ही पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का निर्णय लिया। यह किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया। जनता ने साथ दिया, इसमें कर्मचारी भी थे और आम लोग थे। चाहते तो इसे आगे के वर्षों के लिए टाल सकते थे, पर तुरंत लागू किया। हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में पिछली भाजपा सरकार से युवाओं से अन्याय हो रहा था और भर्ती का गोरखधंधा हुआ

ब बजट बनने लगा तो हमने आत्मनिर्भर हिमाचल की नींव रखने का संकल्प लिया। हम सत्ता में सुख के लिए नहीं आए। हिमाचल सदन और भवन में विधायक और आम जन बराबर किराया देते हैं। आने वाले चार साल में हिमाचल आत्मनिर्भर और 2032 तक हिमाचल देश का सबसे अमीर और आत्मनिर्भर राज्य बनेगा। शराब के ठेकों की नीलामी से आमदनी बढ़ाई। आपदा के वक्त मंत्रियों ने जिलों का दौरा किया। दिन-रात मेहनत करते रहे। केंद्र से विशेष राहत पैकेज मांगते रहे। भाजपा विधानसभा सत्र बुलाने की बात करती रही। केंद्र से आपदा राहत पैकेज को मांगने के लिए सदन में चर्चा रखी।  भाजपा के तीनों सांसदों ने भी केंद्र में हिमाचल की बात नहीं रखी। राज्य सरकार ने आवास के लिए कानून बदल दिया गया। इसके अलावा कई अन्य प्रावधान किए। यह संवेदनशील सरकार है।