भाजपा नेता एवं विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार घोटालों के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड में सात करोड़ से ज्यादा की लागत के एक डिजिटलाइजेशन टेंडर को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। जो कि सरकार के कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार पर प्रमाण है। मार्केटिंग बोर्ड के एमडी इस टेंडर को दोबारा से करने की बात फाइल पर लिखते रहे, लेकिन कृषि सचिव एवं चेयरमैन मार्केटिंग बोर्ड ने टेंडर अवार्ड कर दिया। अवार्ड करने का फैसला भी टेंडर कमेटी के कई सदस्यों और अध्यक्ष की अनुपस्थिति में हुआ। यह प्रकरण एक बहुत बड़े घोटाले को अंकित करता है।
भाजपा नेता एवं विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार घोटालों के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड में सात करोड़ से ज्यादा की लागत के एक डिजिटलाइजेशन टेंडर को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। जो कि सरकार के कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार पर प्रमाण है। मार्केटिंग बोर्ड के एमडी इस टेंडर को दोबारा से करने की बात फाइल पर लिखते रहे, लेकिन कृषि सचिव एवं चेयरमैन मार्केटिंग बोर्ड ने टेंडर अवार्ड कर दिया। अवार्ड करने का फैसला भी टेंडर कमेटी के कई सदस्यों और अध्यक्ष की अनुपस्थिति में हुआ। यह प्रकरण एक बहुत बड़े घोटाले को अंकित करता है।
विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि टेंडर अवार्ड करने में राज्य सरकार के स्थापित वित्तीय नियमों की अनदेखी हुई। मार्केटिंग बोर्ड और चेयरमैन के एकमत न होने के कारण टेंडर कॉल एमडी ने किया था, लेकिन अवार्ड लेटर चेयरमैन ने दिया। अब कंपनी से एग्रीमेंट कौन करेगा? इस पर दुविधा है। इससे भी बड़ी और गंभीर बात यह थी की इस टेंडर के लिए 14 मई, 2024 को हुई कमेटी की बैठक में कुल चार आवेदकों में से तीन को नॉट क्वालिफाइड घोषित किया गया था। इसी में से एक फर्म को अंतत: टेंडर भी अवार्ड हो गया। प्री क्वालिफिकेशन स्टेज पर ही टेंडर कमेटी ने एमडी की अध्यक्षता में फाइल पर रि-टेंडरिंग के लिए लिखा था। उनकी अनुपस्थिति में चेयरमैन ने खुद ही मार्केटिंग बोर्ड दफ्तर आकर प्रेजेंटेशन ली और अधूरी कमेटी ने नंबर दिए। इससे आगे की प्रक्रिया पूरी करवा दी गई।