इस्तीफे देकर भाजपा के टिकट से लड़ रहे तीनों पूर्व निर्दलीय विधायकों की हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में हार-जीत न केवल उनका राजनीतिक भविष्य तय करेगी, बल्कि इन सीटों से कांग्रेस और भाजपा के दिग्गजों की भी प्रतिष्ठा जुड़ी है।  देहरा में कमलेश ठाकुर जीत गईं तो मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की साख बढ़ेगी और हमीरपुर व नालागढ़ भी जीते तो यह दोगुना हो जाएगी। भाजपा हमीरपुर उपचुनाव जीतती है तो इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर विरोधियों के मुंह बंद कर देंगे

वहीं, इन उपचुनावों से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की भी जवाबदेही जुड़ी है। लंबे सियासी घमासान के बाद निर्दलियों के इस्तीफों से खाली हुईं देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ हलके की सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों के नतीजे जिसके भी पक्ष में जाएं, मगर इनसे फिलहाल सरकार पर कोई संकट नहीं दिख रहा है। यह जरूर है कि दोनों दलों को एक-दूसरे पर दबाव बनाने के लिए एक और मुद्दा मिल जाएगा।

कांग्रेस अगर तीनों सीटें जीतती है तो इसका संख्या बल 41 हो जाएगा। भाजपा के पास वर्तमान में 27 विधायक हैं। तीनों सीटें जीतने पर इसका आंकड़ा 30 पर ही पहुंचेगा। मुख्यमंत्री को तीनों ही हलकों में सक्रिय रहते हुए देहरा को अधिक वक्त देना पड़ा, क्योंकि हाईकमान ने न-न करते हुए भी उनकी पत्नी को देहरा के चुनावी रण में उतारा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में इस बार स्थान पाने में नाकाम रहे अनुराग के जिला के हमीरपुर हलके में पार्टी ने उन्हें भाजपा प्रत्याशी को जिताने की खास जिम्मेवारी दी है।

इस सीट पर भाजपा जीतती है तो अनुराग उन तमाम विरोधियों को करारा जवाब दे सकते हैं, जो यह कह रहे हैं कि ऐसा कैसे हो गया कि जिस सुजानपुर से अनुराग ठाकुर को सबसे ज्यादा लीड मिलती है, वहां से भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र राणा चुनाव हार जाते हैं।  नालागढ़ हलका भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के गृह संसदीय क्षेत्र में आता है तो यहां पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को खास जिम्मेवारी दी गई है। इसी तरह अकेले सीएम सुक्खू ही नहीं, प्रतिभा सिंह और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी तीनों सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस की विजय पर जीत का सेहरा पहनेंगे और चूक गए तो तीनों ही जवाबदेह होंगे।