हिमाचल प्रदेश में किसी कारणवश स्कूली पढ़ाई को बीच में छोड़ चुके बच्चों को स्वरोजगार के हुनर सिखाए जाएंगे। 14 से 18 साल की आयु के बच्चों के कौशल प्रशिक्षण के लिए समग्र शिक्षा विशेष अभियान चलाएगा। ऐसी 50 जगह जहां ड्राॅप आउट बच्चों की संख्या ज्यादा होगी वहां स्किल सेंटर खोले जाएंगे। बच्चों की तलाश के लिए 4317 शिक्षक और स्कूल प्रमुख प्रशिक्षित किए गए हैं। समग्र शिक्षा इन बच्चों को चिह्नित कर उन्हें उनकी रुचि के मुताबिक स्किल सेंटरों में शॉर्ट टर्म वोकेशनल कोर्स करवाएगा। इन 50 स्किल सेंटरों में से प्रत्येक में दो कोर्स की ट्रेनिंग दी जएगी। इनके साथ ही विशेष योग्यता वाले बच्चों को भी चिह्नित कर उनकी आवश्यकतानुसार कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। समग्र शिक्षा इन बच्चों को चिह्नित करने के लिए सर्वे करेगा।
बच्चों को चिह्नित करने के लिए समग्र शिक्षा की ओर से प्रदेश के सरकारी हाई स्कूलों और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के 4317 शिक्षकों और उनके स्कूल प्रमुखों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया है। ये शिक्षक अपने स्कूलों के आसपास बच्चों को चिह्नित कर इनका ब्योरा एकत्र करेंगे। संभावना है कि अगले माह के पहले हफ्ते तक इन बच्चों को चिह्नित करने के लिए सर्वे पूरा हो जाएगा। इसके बाद इनको प्रशिक्षण देने संबंधी प्रक्रिया शुरू होगी। इससे पहले भी समग्र शिक्षा की ओर से सर्वे कर साल 2022-23 में भी ऐसे 1500 बच्चों और 2023-24 में 4038 बच्चों को ऑटोमोटिव, अपैरल, ब्यूटी एंड वेलनेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर, आईटीईएस, प्लंबिंग, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी जैसे रोजगार परक कोर्स में ट्रेंड किया था। समग्र शिक्षा इस साल भी इस तरह के बच्चों को चिह्नित कर इनको विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षण देगा और जहां संभव हो, वहां उन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में भी लाया जाएगा। समग्र शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी उच्च शिक्षा उपनिदेशकों, डीपीओ को इस बारे में निर्देश जारी किए गए हैं।