हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और मुख्य संसदीय सचिवों के वेतन-भत्ते दो महीने के लिए विलंबित होंगे। यानी बाद में मिलेंगे। विधायकों ने भी ऐसा करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गुरुवार को हिमाचल विधानसभा सदन को इस संबंध में अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विषम वित्तीय परिस्थिति के दृष्टिगत अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों व मुख्य संसदीय सचिवों सहित अपने वेतन व भत्ते दो माह तक विलंबित करता हूं। इसके अतिरिक्त आप सभी सदस्यों से भी अपने वेतन एवं भत्ते स्वेच्छा से विलंबित करने का आग्रह करता हूं। सीएम ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। इसके कई कारण हैं। राजस्व घाटा अनुदान जो वर्ष 2023-24 में 8058 करोड़ रुपये थी,  इस वर्ष 1800 करोड़ कम होकर 6258 करोड़ रुपये हो गई है।

अगले वर्ष (2025-26) में यह 3000 करोड़ रुपये और कम होकर 3257 करोड़ रुपये रह जाएगी। पीडीएनए की लगभग 9042 करोड़ रुपये की राशि में से केंद्र सरकार से अभी तक कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। एनपीएस एनपीएस अंशदान  के लगभग 9200 करोड़ रुपये पीएफआरडीए से प्राप्त नहीं हुए हैं, जिसका हम केंद्र सरकार से कई बार अनुरोध कर चुके हैं। जीएसटी मुआवजा जून 2022 के बाद मिलना बंद हो गया है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 2500-3000 करोड़ की आय कम हो गई है। ओपीएस बहाल करने के कारण हमारी उधार भी लगभग 2000 करोड़ से कम कर दी गई है। इन परिस्थितियों से पार पाना आसान नहीं है। सीएम ने आगे कहा कि हमने प्रदेश सरकार की आय बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय कम करने का प्रयास किया है। इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा।