भारतीय सेना की सबसे प्रतिष्ठित रेजिमेंट्स में से एक, चौथी गोरखा राइफल्स (4 जीआर) ने 26-27 अक्तूबर, 2024 को हिमाचल प्रदेश के सुबाथू में अपना रेजिमेंटल पुनर्मिलन आयोजित किया। यह अवसर वीरता, बलिदान और सौहार्द से भरे 167 वर्षों की विरासत का जश्न मनाने के उपलक्ष्य में था।
भारत और नेपाल से आए वेटरन्स और उनके परिवारों ने इस पुनर्मिलन समारोह में भाग लेकर पुराने संबंधों और स्मृतियों को पुनर्जीवित किया। रीयूनियन में रेजिमेंट की एकजुटता की पुष्टि करते हुए 500 से अधिक सेवारत अधिकारी, वेटरन्स और परिवारों ने भाग लिया।
रीयूनियन समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वाधवा, चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ, वेस्टर्न कमांड ने भी भाग लिया। उन्होंने सभी रैंकों को चौथी गोरखा राइफल्स के गौरवशाली इतिहास को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर चौथी गोरखा राइफल्स के कर्नल मेजर जनरल बलबीर सिंह ने कहा कि चौथी गोरखा राइफल्स का एक समृद्ध इतिहास है, जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता से पहले और बाद में कई महत्वपूर्ण लड़ाइयों और अभियानों में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा इस पुनर्मिलन समारोह ने 4वीं रेजिमेंट के स्वर्णिम अतीत के अनुभवी वेटरन्स तथा भविष्य के गौरवशाली शूरवीरों को एक साझा मंच प्रदान किया है।
पुनर्मिलन समारोह के दौरान युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि का कार्यक्रम, बड़ाखाना, गोरखा राइफल्स की समृद्ध परंपराओं का प्रदर्शन करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल थे। इसके अलावा सैनिक सम्मेलन के साथ-साथ मूर्तियों, वार्षिकी और स्मारिका का अनावरण भी किया गया।