हिमाचल प्रदेश में महिला मुखिया वाले ऐसे परिवार, जिनमें 18 से 59 आयु का कोई व्यस्क सदस्य नहीं है। बीपीएल सूची में शामिल होंगे। इसके अलावा ऐसे परिवार जिनमें मुखिया 50 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाला हो वह भी बीपीएल सूची में शामिल होंगे। प्रदेश सरकार ने ऐसे परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं और वे स्थायी रूप से अक्षम हो गए हैं, वे भी इस सूची में आएंगे। बीपीएल में शामिल करने के लिए आवेदनों का सत्यापन इस बार एसडीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। इसमें पंचायत प्रधानों का दखल नहीं होगा।

बीपीएल सूची में शामिल होने के इच्छुक कोई भी परिवार प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी तक लिखित रूप में आवश्यक घोषणा के साथ ग्राम पंचायत को आवेदन कर सकता है। बीपीएल सूची से हटाने की सिफारिश के लिए ग्राम सभा के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा। संपूर्ण प्रक्रिया प्रत्येक वर्ष 15 मई तक पूरी कर ली जाएगी।

  1. पक्का मकान और आयकर देने वाले सदस्य इससे बाहर होंगे।
  2. बीपीएल के लिए सालाना आय सीमा 36 हजार रुपये से बढ़ा कर अब 50 हजार रुपये होगी।
  3. एक हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले और जिनका कोई भी सदस्य सरकारी, अर्द्धसरकारी या निजी नौकरी में है, वे बीपीएल सूची से हटा दिए जाएंगे।

पक्का मकान नहीं, इसका देना होगा शपथ पत्र
प्रत्येक परिवार के मुखिया से सादे कागज पर शपथ और घोषणा पत्र लिया जाएगा कि उसके परिवार के पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है। उसका परिवार आयकर नहीं देता है और उसके परिवार की समस्त स्रोतों से अर्जित वार्षिक आय 50 हजार रुपये से अधिक नहीं है। उसके परिवार के पास एक हेक्टेयर से अधिक भूमि नहीं है। उसके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी या अर्द्धसरकारी या निजी नौकरी में नहीं है। यदि बीपीएल परिवार का कोई सदस्य ग्राम पंचायत में अपना नाम अलग परिवार के रूप में है दर्ज कराने के लिए आवेदन करता तो उस स्थिति में ऐसे नए परिवार को अगले 3 वर्षों तक बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।