
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सभी विधायकों का एक ही मत है कि जब डीपीआर ही नहीं बनानी है तो विधायकों के कहने पर काम कैसे होगा। ऐसे में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि 3 और 4 फरवरी को विधायक प्राथमिकता बैठकों का बहिष्कार होगा। जयराम ने कहा कि हिमाचल में विधायक संस्था को तबाह किया गया है। विधायक को आठ-आठ घंटे थाने में बैठाया जा रहा है। कभी भी चुने हुए प्रतिनिधि को इतना जलील नहीं किया गया। विधायक निधि के पैसे पर भी ट्रेजरी में सीलिंग लगाई गई है। जयराम बोले कि यह फैसला पीड़ा के साथ लेना पड़ रहा है। बार-बार अपमानित करना बर्दाश्त नहीं। लिखित में प्राथमिकताएं देनी हैं कि नहीं, यह विधायक प्राथमिकता बैठकों में तय होगा।
पूर्व मंत्री व भाजपा नेता रमेश धवाला की ओर से देहरा में भाजपा के मंडल अध्यक्षों के चुनाव पर सवाल उठाने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्हें पार्टी के प्लेटफॉर्म पर ही अपनी बात रखनी चाहिए। जिस तरह से वह सार्वजनिक टिप्पणी कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। भाजपा एक अनुशासित पार्टी हैं। उन्हें संयम से काम लेना चाहिए। भाजपा की पिछली सरकार के कार्यकाल में उन्हें पूरा सम्मान दिया गया। उन्हें कैबिनेट मंत्री स्तर का पद दिया गया। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान क्या पार्टी अध्यक्ष के लिए भी विचार-विमर्श किया? इस जयराम बोले कि बहुत सी बातें हुई हैं।