शिमला, भाजपा मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा और सह मीडिया प्रभारी प्यार सिंह ने कहा की प्रदेश में जब से मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार आई है, लगातार महंगाई का बोझ जनता पर डाल रही है। महंगाई हटाने का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस ने आते ही डीजल के दामों में 3 रू प्रति लीटर की वृद्धि कर दी। उसके तीन महीने बाद दोबारा 3.50 रू प्रति लीटर की वृद्धि कर दी। इस प्रकार प्रदेश में यात्री भाड़ा बढ़ गया, माल भाड़ा बढ़ गया, आवागमन का खर्च बढ़ गया और जनता पर भारी बरसात के साथ-साथ कांग्रेस सरकार की मार भी पड़ गई।
भाजपा ने कहा कि पिछले 8 महीने में खाद्य तेलों के दाम राशन डिपुओं में दो बार बढ़ गए और पिछले कल दालों के दाम में भारी उछाल आया। डिपुओं में 16 रू किलो का दाम बढ़ना हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ धोखा है। जहां बरसात से आम गरीबजन का जीवन दूभर हुआ है वहीं ये दालों और डीजल का रेट बढ़ाया गया है उसे वापिस किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश की जनता परेशान है और सरकार अपने ध्यान में मगन है।
प्रदेश भर के सस्ते राशन के डिपुओं में मिलने वाली दाल चना व उड़द दाल महंगी हो गई है । राशनकार्ड धारकों को दाल चना के 16 रुपए और उड़द दाल के पांच रुपए अधिक चुकाने पड़ेंगे। इसके अलावा एपीएलटी कोटे की मूंग दाल भी आठ रुपए तक महंगी हो गई है । दाल चना एनएफएसए व एपीएल कोटे का 16-16 रुपए तक बढ़ा दिए हैं, जबकि एपीएलटी कोटे में महज एक रुपए की बढ़ोतरी हुई है । इसी तरह उड़द दाल में तीनों वर्गों में पांच-पांच रुपए की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा मल्का मसर दाल में एनएफएसए व एपीएल कोटे में जहां एक-एक रुपए की बढ़ोतरी हुई है । एपीएलटी कोटे में मल्का मसर दाल के दामों में दो रुपए का इजाफा हुआ है। प्रदेश सरकार ने दाल चना के 19,197 क्विंटल, उड़द दाल के 16, 188 क्विंटल, मल्का दाल के 12,750 क्विंटल और मूंग दाल के 6530 क्विंटल सप्लाई ऑर्डर किए गए हैं।
कुछ दिन पूर्व प्रदेश के सस्ते राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को चीनी का कोटा नहीं मिला। इससे उपभोक्ताओं को बाजार से महंगे दामों पर ही चीनी खरीदनी पड़ी थी। जिससे उपभोक्ताओं पर अधिक बोझ भी पड़ेगा, इसके चलते प्रदेश के 19.5 लाख उपभोक्ताओं को राशन के साथ चीनी नहीं मिल पाई। प्रदेश भर में करीब 19.5 लाख उपभोक्ताओं को राशन सस्ते दामों में उपलब्ध करवाया जा रहा है। राशन डिपुओं में चीनी प्रति व्यक्ति 500 ग्राम दी जाती है। इसमें एपीएल परिवारों को 30 रुपये प्रति किलो और अन्य राशन कार्ड धारकों को 13 रुपये प्रतिकिलो चीनी उपलब्ध होती है। जबकि बाजार में चीनी 45 से 50 रुपये प्रतिकिलो मिलती है।
उन्होंने कहा की ऐसे में प्रदेश की सरकार ने जनता के जीवन से मिठास ही छीन ली