हिमाचल की फल मंडियों में बाहरी राज्यों के लदानी (खरीदार) भी सीधे बागवानों से सेब की खरीद कर सकेंगे। सरकार मंडियाें में आढ़तियों का एकाधिकार खत्म करने जा रही है। लदानियों को मंडियों में दुकानें उपलब्ध करवाने की तैयारी की जा रही है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के निर्देशों पर कृषि उपज विपणन बोर्ड ने यह व्यवस्था बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी हफ्ते बागवानी सचिव के साथ इसे लेकर बैठक आयोजित होनी है।

लदानियों को दुकानें मिलने पर आढ़तियों और लदानियों में प्रतिस्पर्धा से बागवानों को सेब के ऊंचे दाम मिलेंगे। मौजूदा समय में कृषि विपणन बोर्ड के अंतर्गत प्रदेश में चल रही 10 एपीएमसी की मंडियों में सेब कारोबार के लिए आढ़तियों को दुकानें उपलब्ध करवाई गई हैं। आढ़तियों को एपीएमसी एक्ट के तहत लाइसेंस जारी किए जाते हैं, जिसका सालाना नवीकरण करना अनिवार्य होता है। मंडियों के बाहर कारोबार के लिए निदेशक कृषि विभाग की ओर से लाइसेंस जारी होते हैं। आढ़ती बागवानों का सेब लदानियों को बेचते हैं और इसके एवज में कमीशन वसूलते हैं। कुछ सेब खरीदार मंडियों के बाहर सड़क किनारे कारोबार कर रहे हैं। इन्हें भी मंडियाें में दुकानें दी जाएंगी। इतना ही नहीं, बाहरी राज्यों से सेब खरीदने के लिए आने वाले लदानी भी अगर मंडियों में सेब खरीद के लिए दुकानें लेने को आवेदन करेंगे तो उन्हें भी दुकानें उपलब्ध करवाई जाएंगी।

बाहरी राज्यों से सेब खरीदने आने वाले लदानियों को मार्केट यार्ड में दुकानें उपलब्ध करवाई जाएंगी। आढ़तियों और लदानियों में सेब खरीद को लेकर प्रतिस्पर्धा का लाभ बागवानों को मिलेगा। नियमों में संशोधन कर इसी साल यह व्यवस्था लागू की जाएगी- जगत सिंह नेगी, बागवानी मंत्री