जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ इलाके में आतंकवादियों से लोहा लेते समय बलिदान हुए हमीरपुर के लहद गांव के जवान अरविंद का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सेना में ही कार्यरत छोटे भाई परमजीत ने बलिदानी बड़े भाई अरविंद की चिता को मुखाग्नि दी। पार्थिव देह घर पहुंचते ही चीख पुकार से माहौल गमगीन हो गया। पौने बारह बजे के करीब बलिदानी की पार्थिव देह घर पर पहुंची तो मां और पत्नी रो रोकर बेसुध हो गई।

बलिदानी अरविंद सिंह की अंतिम यात्रा में सैकड़ों आंखें नम थीं। गांव में पहुंचने से पहले सड़क से गांव तक युवाओं ने बाइक रैली निकालकर बलिदानी अरविंद सिंह को श्रद्धांजलि दी और भारत माता की जय के नारे लगाए। किश्तवाड़ में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान सिपाही अरविंद बलिदान हो गए थे। अरविंद सिंह वर्ष 2017 में डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे और राष्ट्रीय राइफल्स में अपनी सेवाएं दे रहे थे। वह अपने पीछे पत्नी इक्षू देवी, डेढ़ वर्षीय बेटे रियांश ठाकुर, पिता राजेंद्र सिंह, माता सरोज कुमारी को छोड़ गए हैं।

बलिदानी अरविंद का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ गांव के ही शमशान घाट में किया गया। इस मौके पर उपायुक्त हमीरपुर अमरजीत सिंह, एएसपी राजेश कुमार, नादौन एसडीएम अपराजिता चंदेल के अलावा सैकड़ों की तादाद में स्थानीय लोग मौजूद रहे। इस अवसर पर उपयुक्त अमरजीत सिंह, एएसपी राजेश एसडीएम अपराजिता चंदेल के अलावा सैकड़ों की तादात में लोग मौजूद रहे। वहीं, शहीद अरविंद के चचेरे भाई संदीप कुमार ने बताया कि अरविंद अभी कुछ दिन पहले ही जन्माष्टमी के दौरान घर पर आए हुए थे और छुट्टियां बिताकर वापस गए थे। उन्होंने अरविंद की शहादत पर फख्र है।