हिमाचल की राजधानी शिमला को चंडीगढ़ से जोड़ने वाला कालका-शिमला फोरलेन सोलन के चक्की मोड़ के पास बहाल हो गया है। अभी इसे छोटे वाहनों के लिए खोला गया है। बसों और हैवी व्हीकल की आवाजाही के लिए अभी इंतजार करना होगा। चक्की मोड़ के पास पहाड़ी के दरकने का अभी भी खतरा बरकरार है।
इससे पहले भी दोपहर 12 बजे हाईवे को छोटे वाहनों के लिए खोला गया। तब लगभग 100 वाहन कालका-शिमला हाईवे पर चक्की मोड़ से गुजर चुके थे। मगर, एक घंटे बाद चक्की मोड़ की फिर लैंडस्लाइड हो गया। इसके बाद मौके पर JCB से मलबा हटाया गया और हाईवे को फिर से दो बजे के बाद बहाल किया गया।
अभी हाईवे को केवल छोटे वाहनों के लिए खोला गया है। बस और हैवी व्हीकल की आवाजाही बीते सात दिन की तरह अल्टरनेटिव सड़कों से हो रही है। हाईवे बंद होने से स्थानीय जनता सहित पर्यटकों, सेब ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टर, शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर और कुल्लू जिले के आनी क्षेत्र के लोग भी परेशान है।
सात दिन पहले धंस गया था हाईवे का 40 मीटर हिस्सा
गत दो अगस्त की रात ढाई बजे चक्की मोड़ के पास हाईवे का 40 मीटर से ज्यादा हिस्सा धंस गया था। मौके पर पैदल चलने लायक जगह भी नहीं बची। इसके बाद फोरलेन बनाने वाली कंपनी ने मौके पर पहाड़ी काटकर नई सड़क तैयार की। इसमें छह दिन का वक्त लग गया। इस दौरान भी बीच बीच में बार-बार लैंडस्लाइड होता है।
नाहन होते हुए भेजे जा रहे हैवी व्हीकल्स
सोलन के चक्की मोड़ में हाईवे बंद होने के बाद पिछले 7 दिन से ट्रैफिक अल्टरनेटिव सड़कों से चल रहा है। शिमला और सोलन से चंडीगढ़ की ओर जाने वाले हैवी व्हीकल्स कुमारहट्टी-नाहन-कालाअंब होते हुए चंडीगढ़ भेजे जा रहे हैं, जबकि लाइट मोटर व्हीकल्स सोलन-धर्मपुर-कसौली-परवाणू होते हुए ओर लोअर हिमाचल से शिमला आने वाले बिलासपुर से नौणी या फिर बिलासपुर-नौणी-स्वारघाट-रोपड़ चंडीगढ़ भेजे जा रहे थे।