राजधानी शिमला के समरहिल में भूस्खलन से जमींदोज हुए शिवबावड़ी मंदिर के मलबे से एक और शव निकाला गया है। इस घटना में मृतकों की संख्या अब 14 पहुंच गई है। मृतक की पहचान प्रोफेसर पीएल शर्मा के तौर पर हुई है। शव घटना स्थल से दो किलोमीटर दूर मिला है। पीएल शर्मा की पत्नी का दूसरे दिन ही मिल गया था। प्रोफेसर पीएल शर्मा हिमाचल प्रदेश विवि में कार्यरत थे।
आज मौसम साफ कल से भारी बारिश का येलो अलर्ट
प्रदेश में वीरवार को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। 18 से 20 अगस्त तक दोबारा प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। बुधवार को राजधानी शिमला समेत अधिकांश जिलों में मौसम साफ रहा।
शिमला शहर में आज, आनी में 19 तक बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज
राजधानी शिमला में स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी केंद्र और अन्य शिक्षण संस्थान वीरवार को भी बंद रहेंगे। इसको लेकर स्थानीय प्रशासन ने आदेश जारी किए हैं। वहीं सोशल मीडिया पर 17 अगस्त को शिक्षण संस्थानों में छुट्टी की एक चिट्ठी वायरल हो रही है, जो फर्जी है। शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने बताया कि फर्जी चिट्ठी की जांच साइबर सेल को दी है। उधर कुल्लू जिले के आनी उपमंडल में सभी शैक्षणिक संस्थान 19 अगस्त तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
1,731 लोग हेलिकाप्टर नाव, अन्य माध्यमों से किए गए रेस्क्यू
हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर जारी है। बुधवार शाम तक प्रदेश में 15 और लोगों की मौत हो गई। पौंग बांध से पानी छोड़ने की वजह से इंदौरा और फतेहपुर में बाढ़ आ गई। राजधानी शिमला में नगर निगम के स्लॉटर हाउस समेत सात भवन जमींदोज हो गए। इसमें दो लोगों की दब कर मौत हो गई। राजधानी के ही समरहिल में भूस्खलन से जमींदोज हुए शिवबावड़ी मंदिर के मलबे से पांच और शव निकाले गए।
कुल्लू के आनी में 3 और किन्नौर के पांगी गांव के दुनंग कंडे (काशंग नाला) में दो की मौत हुई है। इसके अलावा हमीरपुर के बड़सर उपमंडल में रविवार को खड्ड में बहे व्यक्ति का मंगलवार को राइयां गांव के पास शव बरामद हुआ। नादौन के जीहन के भाऊ गांव के पास सानन में ब्यास किनारे एक व्यक्ति का शव मिला जबकि चंबा में एक मौत हुई है।
प्रदेश में तीन दिनों के भीतर ही 66 लोग आपदा से दम तोड़ चुके हैं। वहीं पौंग बांध से पानी छोड़ने से कांगड़ा जिले का इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। यहां मंगलवार और बुधवार को दो दिनों में 1,731 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।
हेलिकाप्टर से 739, नाव से 780 और अन्य माध्यमों से 212 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए। पानी भरने से दोनों क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ है। कुल्लू के आनी उपमंडल की पोखरी पंचायत के रगेली गांव में दो मकान भूस्खलन की चपेट में आए। इससे एक ही परिवार के तीन लोग मलबे में दब गए।
घर से करीब दस किलोमीटर दूर तीनों के शव मिले। किन्नौर जिले के कल्पा खंड के पांगी गांव के दुनंग कंडे (काशंग नाला) में चट्टानों की चपेट में आने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। चंबा जिले के चुवाड़ी स्थित कलम खड्ड में दोस्तों के साथ नहाने उतरे 14 वर्षीय युवक की पानी के तेज प्रवाह में बहने से मौत हो गई। कांगड़ा जिले के धीरा के परमार नगर गांव में करीब 30 मकान धंस गए हैं।
जमीन धंसने का पता चलते ही गांव खाली कर दिया था। ज्वालामुखी के साथ अधवानी पंचायत के क्रशर में फंसे 67 लोगों को एनडीआरएफ ने सुरक्षित निकाल लिया है। खुंडियां तहसील के अंबाड़ा गांव में 20 परिवार बेघर हो गए हैं। सड़कें बंद होने से कुल्लू में ईंधन और रसोई गैस की किल्लत हो गई है।