हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के उच्च विद्यालय तारापुर चासी की मुख्य अध्यापिका नीलू चौहान ने सही मायने में शिक्षक होने का फर्ज निभाकर मिसाल पेश की है। दरअसल स्कूल में महत्वपूर्ण विषयों के पद रिक्त होते ही नीलू ने सरकार और विभाग की ओर देखे बिना अपने खर्चे पर दो शिक्षक नियुक्त कर दिए, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। मुख्याध्यापिका अपने वेतन से क्षेत्र के दोनों पढ़े-लिखे युवाओं को हर महीने 2500-2500 रुपये दे रही हैं। सुरला शिक्षा खंड के अंतर्गत आने वाली पाठशाला में सितंबर 2022 से पीटीआई का पद रिक्त था।
इसके बाद जनवरी 2023 में नॉन मेडिकल शिक्षक का भी तबादला हो गया। परीक्षाएं सिर पर थीं। बच्चों के भविष्य का सवाल सामने आकर खड़ा हो गया। मुख्य अध्यापिका ने फरवरी में ही सरकार और विभाग की ओर से देखे बिना अपने खर्चे पर दो शिक्षक नियुक्त कर दिए ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो। इसके लिए आरती देवी और हितेंद्र सिंह को नियुक्त कर उन्हें हर महीने अपने वेतन से 2500-2500 रुपये दे रही हैं। इनमें से एक शिक्षक छठी से आठवीं और दूसरा शिक्षक नवीं और दसवीं के बच्चों को गणित की पढ़ाई करवा रहा है।
शिक्षा सत्र 2023-24 का सितंबर माह चल रहा है। सरकार और विभाग ने अब यहां शिक्षक नहीं तैनात किए हैं। स्कूल में 32 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कट्वे ट्यूशन फीस दे पाएं। ऐसे में नीलू ने अभिभावकों पर बोझ डालने की बजाय अपने खर्च पर शिक्षक नियुक्त किया। इसके अलावा नीलू स्कूल में सवा लाख रुपये खर्च करके शेड भी बना चुकी हैं। नीलू ने बताया कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए वे खुद पैसे देकर दो शिक्षकों से सेवाएं ले रही हैं।