बल्क ड्रग फार्मा पार्क के निर्माण में हिमाचल प्रदेश गुजरात और आंध्रप्रदेश से आगे निकल गया है। मंगलवार को फार्मा पार्क निर्माण प्रगति की समीक्षा को लेकर वर्चुअल माध्यम से आयोजित बैठक में केंद्र सरकार के सचिव औषध मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश की सराहना की। हिमाचल सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद फार्मा पार्क के लिए ऊना की हरोली तहसील के पोलियां, टिब्बी, मल्लूवाल में 1580 एकड़ जमीन कंपनी के नाम कर दी है, जबकि गुजरात और आंध्र प्रदेश में अभी जमीन के चयन की प्रक्रिया ही चल रही है।
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इतना ही नहीं, हिमाचल ने हरोली में बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए बिजली, पानी और सड़क पहुंचाने पर टेंडर करने के बाद काम शुरू कर दिया है। दावा किया है कि 6 माह के भीतर हरोली में फार्मा पार्क का बुनियादी ढांचा जमीन पर दिखना शुरू हो जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि अब हर तीन महीने बाद प्रोजेक्ट की समीक्षा होगी और अगली बैठक के लक्ष्य निर्धारित होंगे। वर्चुअल बैठक में प्रधान सचिव उद्योग आरडी नजीम, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
केंद्र ने प्रोजेक्ट के लिए 1200 करोड़ की मंजूरी दी है। पार्क में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होना है और करीब 20,000 लोगों को रोजगार मिलना है। प्रदेश को बल्क ड्रग फार्मा पार्क आवंटित करने का मुख्य उद्देश्य घरेलू दवा निर्माण में बढ़ावा और दवा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले साल्ट भी अब यहीं तैयार होंगे जिससे चीन पर निर्भरता कम हो जाएगी।
इसी महीने बाथू में शुरू होगा कार्यालय
बल्क ड्रग फार्मा पार्क के निर्माण के लिए इसी महीने बाथू में कंपनी का कार्यालय शुरू कर दिया जाएगा। इसी कार्यालय से निर्माण कार्य की पूरी देखरेख होगी। मौजूदा समय में फार्मा पार्क का काम शिमला से देखा जा रहा है। बाथू में ऑफिस खुलने से काम में आसानी होगी।