लुहणू मैदान में चल रही अग्निवीर भर्ती रैली में कई युवाओं ने कड़े परिश्रम से सेना में जाने के अपने सपने को साकार किया है। इनमें ऊना और हमीरपुर जिले से जुड़वा भाइयों की जोड़ी शामिल हैं। जुड़वा भाइयों ने एक साथ रैली में अनेक बाधाओं को पार कर अपने आप को बेहतर साबित किया है। उधर, वीरवार को अग्निवीर सेना भर्ती रैली में हजारों युवा शारीरिक परीक्षण के पड़ावों को पार करने के लिए सुबह से भरी दोपहरी तक अडिग रहे। रैली के पांचवें दिन वीरवार को तकनीकी श्रेणी के लिए भर्ती हुई।
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ट्रेडमैन, स्टोर कीपर, तकनीकी क्लर्क की भर्ती के लिए करीब 400 युवाओं ने शारीरिक परीक्षण में भाग लिया। इनमें से केवल 150 युवाओं ने परीक्षण पास कर पाए। परीक्षण पास करने वाले युवाओं का मेडिकल शुक्रवार को किया जाएगा। भर्ती रैली में बहुत से ऐसे युवाओं ने भाग लिया जो न केवल शैक्षणिक योग्यता में उत्कृष्ट मुकाम हासिल किए हुए थे बल्कि अन्य वोकेशनल ट्रेनिंग और अन्य विषय में भी महारत रखते थे। उन्होंने इस सब को दरकिनार कर भारतीय सेना का सिपाही बन देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने का लक्ष्य ही चुना।
12वीं में 92% अंक लेने वाले मनीष ने भी चुनी देश सेवा
हरोली के मनीष कुमार ने बारहवीं कक्षा 92 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की। उन्होंने स्वयं के समक्ष जीवन यापन के लिए अनेक विकल्पों में से सेना में जाकर देश के प्रति अपने कर्तव्य के निर्वहन को ही सबसे उचित समझा। मनीष कुमार का कहना है कि अग्नि वीर सैनिक में यदि योग्यता और समर्थ है तो वह सेना में लंबे समय के लिए अपनी सेवाएं प्रदान कर सकता है।
पहले हमीरपुर में हुई रैली में वे सफल नहीं हो पाए थे। अपनी कमियों को दूर कर उन्होंने लुहणू मैदान में हुई रैली के लिए कड़ी मेहनत की और अपने आप को बेहतर साबित किया। माता-पिता के आशीर्वाद और विभिन्न लोगों से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होंने मुकाम हासिल किया। सेना भर्ती रैली में परिश्रम के माध्यम से ही स्थान पाया जा सकता है। शैक्षणिक क्षेत्र में भी उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है, बावजूद इसके अन्य विकल्पों के होते हुए भी उन्होंने सेना में भर्ती हो देश सेवा को बेहतर विकल्प के रूप में चुना। -सौरभ कुमार-गौरव कुमार, नलवाड़ी (ऊना)
रैली में शारीरिक परीक्षण समेत अन्य टेस्ट क्लीयर करके हमने अपने बचपन के सपने को साकार किया। लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्हें परिवारजनों से प्रेरणा मिली, वहीं गांव के कुछ लोगों ने भी उनका मार्गदर्शन किया। कठिन सेवा होने के बावजूद आज बहुत से युवा भारतीय सेवा का अंग बन देश की सेवा के लिए तत्पर हैं। इसी मकसद से साथ उन्होंने कठोर परिश्रम के साथ हर परीक्षा पास की है। वे सेना में भर्ती होकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। – अखिल राठौर-निखिल राठौर, ककड़ियार (हमीरपुर)