हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार को शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल का पहला बजट 17 मार्च को पेश करेंगे। वित्तीय वर्ष 2023-24 का यह बजट 29 मार्च को पारित किया जाएगा। राज्य की 14वीं विधानसभा का यह दूसरा सत्र होगा। यह बजट सत्र 6 अप्रैल को संपन्न होगा। सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के पहले ही दिन मंगलवार को करीब पौने 12 बजे स्पीकर ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा तो विपक्ष ने इसे शुरू में ही बाधित किया। भाजपा विधायकों ने नियम-67 के तहत स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने व इस पर चर्चा मांगी। काफी देर हंगामे के बाद मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। इससे पहले सदन में विपक्ष ने कहा कि सारा काम रोककर इस पर चर्चा की जाए कि विधायक क्षेत्र विकास निधि का पैसा क्यों रोका गया है। इससे सदन में दोनों पक्षों में खूब नोकझोंक हुई। इस पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री अपनी बात कहने उठे तो उनके वक्तव्य के बीच विपक्ष ने हंगामा और नारेबाजी की। प्रश्नकाल शुरू होने के एलान के साथ ही भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि विधायक क्षेत्र विकास निधि की अंतिम किस्त से हमें वंचित कर दिया गया है। विवेकाधीन अनुदान भी रोका गया है। परमार ने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों को जो निधि मिलती है, उसके लिए नोटिस दिए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यकाल में विधायक क्षेत्र विकास निधि को दो करोड़ रुपये किया गया है। मार्च आ गया है। अभी तक तीसरी किस्त नहीं दी गई है। नियम-67 के तहत नौ विधायकों ने यह प्रस्ताव दिया।
विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधायक क्षेत्र विकास निधि रोकने के मामले में कहा कि सभी संस्थान खोले जाएं तो कुल कर्ज 91 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा। प्रदेश आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है। अगर हम राजकोषीय अनुशासन में नहीं रहेंगे तो परेशानी होगी। काम रोको प्रस्ताव तब आता है जब कोई विपदा आए। मुकेश अग्निहोत्री सही कह रहे हैं कि ये चैंबर में बैठते तो इस समस्या को सुलझाया जाता। सरकार व्यवस्था परिवर्तन कर रही है। अगर काम रोको प्रस्ताव को ये विधायकों की निधि से जोड़ते हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे विधायकों को भी तो जनता ने चुना है, उन्होंने भी मांग की है। भाजपा सरकार ने बड़ा कर्जा डाला है। आज प्रदेश में प्रति व्यक्ति एक लाख रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है। विधायकों को हिमाचल भवन और सदन में सब्सिडी मिलती थी, वह भी बंद कर दी है। हम व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। अगर तीसरे क्वार्टर का राजस्व अच्छा रहा तो इस पर विचार किया जाएगा। इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विधायक क्षेत्र विकास निधि जनता का पैसा है। हम मुख्यमंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं। इसके बाद भाजपा विधायक दल नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विपक्ष की ओर से लाए गए स्थगन प्रस्ताव को निरस्त कर किया।
खराब आर्थिक स्थिति के कारण रोकी ग्रांट: हर्षवर्धन चैहान
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चैहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। इस संबंध में कांग्रेस विधायकों ने भी विरोध किया है। प्रदेश की खराब आर्थिक स्थिति होने के कारण इसे मुख्यमंत्री ने रोका हुआ है। इस पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि आज 9:30 बजे प्रस्ताव दिया गया है। यह केवल विधायकों का मामला नहीं है। गांव में छोटे-छोटे रास्तों, सड़कों को बनाने जैसे कई काम है। युवा मंडलों और महिला मंडलों को भी पैसा दिया गया है। इसे बंद करना उचित नहीं है। इस पर सारा काम रोककर हम चर्चा करेंगे। बैकवर्ड एरिया सब प्लान, डिजास्टर का पैसा भी पता नहीं वापस मंगवा लिया। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि सदन में 68 विधायकों के विषय पर बात हो रही है। जनता के विषय पर बात नहीं हो रही है। सदस्यों के बारे में स्पीकर के चैंबर में ही चर्चा होनी चाहिए। ये लोग 75 हजार करोड़ रुपये का कर्जा छोड़ गए। अकेली जयराम सरकार ने 27 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया। कर्मचारियों को ओपीएस क्यों नहीं दिया। हमारी सरकार ने 100 दिन के अंदर कर्मचारियों को ओपीएस दिया है।
शोकोद्गार प्रस्ताव पर हुई चर्चा
इससे पहले सुबह 11:00 बजे सदन की कार्यवाही की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। सत्रारंभ में मुख्यमंत्री सबसे पहले अपने मंत्रियों का परिचय दिया। उसके बाद सदन में पूर्व मंत्री मनसा राम के देहांत पर शोकोद्गार प्रस्ताव पर विधानसभा सदस्यों के वक्तव्य हुए। मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल का पहला बजट 17 मार्च को पेश करेंगे। वित्तीय वर्ष 2023-24 का यह बजट 29 मार्च को पारित किया जाएगा। राज्य की 14वीं विधानसभा का यह दूसरा सत्र होगा। यह बजट सत्र 6 अप्रैल को संपन्न होगा। वहीं, सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपनी पुरानी ऑल्टो कार में विधानसभा पहुंचे। सीएम को अपनी पुरानी कार में देखकर यहां तैनात पुलिस कर्मी भी हैरान रह गए। जैसे ही सीएम कार से उतरे पुलिस कर्मियों ने उन्हें सैल्यूट किया।
निधि रोकी, बंद नहीं की: सुक्खू
मुख्ममंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि विपक्ष के नेता जब बोल रहे थे तो कांग्रेस के विधायक शांति से सुन रहे थे। ये भी शांति से सुनें। जब दायित्व का निर्वहन नहीं करते तो इस प्रकार की परिस्थितियां नहीं आती हैं। हिमाचल अगर आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है तो इसके दोषी ये सामने बैठे हुए विपक्ष के सदस्य हैं। सुक्खू ने कहा कि वे तो खुद विधायक रहे हैं और हमेशा विधायकों के अधिकार के लिए लड़ते रहे हैं। विधायक निधि बंद नहीं की, रोकी गई है। भाजपा ने छठा पे कमीशन लागू कर दिया। न पेंशनरों का और न ही कर्मचारियों का एरियर दिया गया है।
कर्ज के जो आंकड़े पेश किए जा रहे, सही नहीं: जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कर्ज के जो आंकड़े पेश किए जा रहे हैं, वे सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विधायक क्षेत्र विकास निधि के बारे में मुख्यमंत्री स्थिति स्पष्ट करें। इस पर संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री के विचाराधीन है। स्पीकर से अनुरोध है कि स्थगन प्रस्ताव पर वह निर्णय दें।
वाकआउट के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में विपक्ष के रवैये को अनुचित बताते हुए कहा कि जिन कर्मचारियों ने इस प्रदेश के विकास की गाथा लिखी है, सरकार उनका ध्यान रख रही है। कर्मचारियों के लिए जयराम ठाकुर का दृष्टिकोण सही नहीं है। हिमाचल में प्रदेश में आमदनी के आंकडे़ आएंगे तो विधायक निधि पर विचार करेंगे। 920 संस्थान जो बंद किए हैं। जहां जरूरत होगी, वहां पर संस्थानों को खोला जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य इस पर दिन-रात काम कर रहे हैं।