ज़िला सांस्कृतिक परिषद की बैठक आज यहां कोठों स्थित कला केन्द्र में आयोजित की गई। अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय कुमार यादव ने बैठक की अध्यक्षता की।  
अजय कुमार यादव ने कहा कि सांस्कृतिक परिषद का मुख्य उद्देश्य साहित्यिक, सांस्कृतिक गतिविधियों तथा संस्कृत, हिन्दी, उर्दू भाषा और पहाड़ी बोली के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि परिषद इस दिशा में सतत् कार्यशील है और सोलन ज़िला की विशिष्टताओं को उभारने के लिए योजनाबद्ध कार्य किया जाएगा।
अतिरिक्त उपायुक्त ने सोलन की जनता से आग्रह किया कि प्राचीन पुस्तकें जिसमें सोलन ज़िला से सम्बन्धित लेख छपे हों अथवा कोई भी प्राचीन सांस्कृतिक महत्व की वस्तु कला केन्द्र कोठों में भेंट की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं एतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इन वस्तुओं, दस्तावेज़ों इत्यादि को संग्रहालय में संगृहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भेंट कर्ता का नाम संगृहित वस्तुओं के साथ अंकित किया जाएगा।
अजय यादव ने कहा कि कला केन्द्र कोठों में स्थापित होने वाली कला दीर्घा तथा संग्रहालय में स्वतंत्रता सेनानियों के छायाचित्र, पारम्परिक वेशभूषा के छायाचित्र, वास्तविक वेशभूषा एवं पारम्परिक वाद्य यंत्र रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन स्थानीय कला को विकसित करने के लिए सदैव प्रयासरत रहा है।
उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन का यह प्रयास रहेगा कि अगले वर्ष आयोजित होने वाले राष्ट्रीय शूलिनी मेले में तीन दिन पहाड़ी कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिले।
बैठक में निर्णय लिया गया कि ज़िला सोलन से सम्बन्धित प्राचीन पुस्तकों को पुनः प्रकाशित किया जाएगा। इसके लिए परिषद के सदस्यों के बहुमूल्य सुझाव अपेक्षित रहेंगे। सोलन ज़िला के प्रसिद्ध लोक नृत्य पड़ुआ और करयाला के संरक्षण पर भी विशेष बल दिया जाएगा।
बैठक में नगर निगम सोलन के मनोनीत पार्षद रजत थापा, पुनीत नारंग, विजय ठाकुर, पुलिस उप अधीक्षक सोलन भीष्म ठाकुर, ज़िला भाषा अधिकारी सोलन ममता वर्मा सहित परिषद के अन्य सरकारी व गैर सरकारी सदस्यों ने भाग लिया।
.0.

????????????????????????????????????