मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में पिछले दो दिनों से प्रकृति की मार किसानों के लिए आफत बनकर टूट रही है। बीती रात ग्वालियर चंबल अंचल के कई इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरे और किसानों के खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई, तो वहीं शनिवार अल सुबह ही दतिया जिले के कुछ इलाकों में मूसलाधार ओलावृष्टि से खेत और सड़कों पर सफेद चादर बिछ गई। साथ ही किसानों के खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो गई।
बताया जा रहा है कि जिले के बसई इलाके में लगभग आधा सैकड़ा से अधिक गांव ऐसे हैं जहां पर 20 से 25 मिनट तक जमकर ओलावृष्टि हुई साथ ही तेज बारिश के साथ आंधी चली,जिससे गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि के कारण खेत में तैयार खड़ी गेहूं की फसल की बालियां झड़ गई फसल टूटकर खेत में बिखर गई है। बताया जा रहा है कि इस ओलावृष्टि के कारण खेतों में खड़ी फसल में लगभग 70 से 90 फ़ीसदी नुकसान हुआ है।
इसके साथ ही जिले के भांडेर क्षेत्र में भी ओलावृष्टि हुई है, जिससे एक दर्जन से अधिक गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ए के सिंह ने बताया है कि जिले के आधा सैकड़ा से अधिक ऐसे गांव हैं जहां पर ओलावृष्टि के कारण सबसे ज्यादा गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि की रफ्तार इतनी तेज थी कि उसने गेहूं और सरसों की बालियों को पूरी तरह तोड़ दिया है। वहीं, जिले के किसान महाराज सिंह राजपूत और विनीत ने बताया है कि इलाके में जहां पर ओलावृष्टि हुई है वह फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है लगभग 90 फीसदी फसलों में बर्बादी का मंजर दिखाई दे रहा है।