हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं ने कई दिग्गजों की लोकसभा चुनावों में पीठ लगाई है। वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, प्रेमकुमार धूमल और जयराम ठाकुर सरीखे कद्दावर नेता भी लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देख चुके हैं। शांता कुमार मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा चुनाव हारे, जबकि वीरभद्र सिंह, प्रेमकुमार धूमल और जयराम ठाकुर को प्रदेश में मुख्यमंत्री पद मिलने से पहले लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
केडी सुल्तानपुरी को शिमला संसदीय सीट से 1980 से 1998 तक लगातार छह बार और अनुराग ठाकुर को हमीरपुर से लगातार चार बार 2008 से 2019 तक मतदाताओं ने जिताकर सिर-आंखों पर भी बैठाया है। रामस्वरूप शर्मा के नाम रिकॉर्ड मतों और किशन कपूर के नाम सबसे अधिक मत प्रतिशतता के साथ जीत दर्ज करने की उपलब्धि भी है।
शांता कुमार
शांता कुमार को वर्ष 2004 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र कुमार ने कांगड़ा संसदीय सीट से हराया था। 1977 और 1990 में शांता कुमार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे।
वीरभद्र सिंह
वीरभद्र सिंह 1977 में मंडी संसदीय सीट से चुनाव हारे थे। बीएलडी के प्रत्याशी गंगा सिंह ठाकुर ने उन्हें हराया था। अप्रैल 1983 में वीरभद्र सिंह पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
प्रेमकुमार धूमल
प्रेमकुमार धूमल को वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में हमीरपुर संसदीय सीट से कांग्रेस के नारायण चंद पराशर ने हराया था। धूमल मार्च 1998 में मुख्यमंत्री बने थे।
जयराम ठाकुर
जयराम ठाकुर को वर्ष 2013 में मंडी सीट पर हुए उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने हराया था। जयराम ठाकुर दिसंबर 2017 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।
दो लोकसभा क्षेत्रों से जीत दर्ज करने वाले वीरभद्र सिंह एकमात्र नेता हैं। वर्ष 1962 और 1967 में महासू (शिमला), 1971, 1980 और 2009 में मंडी सीट जीती। छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह पांच बार लोकसभा में सांसद चुने गए। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह की सरकार में ने केंद्रीय मंत्री भी रहे।
इन दिग्गजों को भी करना पड़ा हार का सामना
2009, 2004 और 1991 के चुनाव में महेश्वर सिंह को हार का सामना करना पड़ा। पंडित सुखराम 1989 और 1998 में चुनाव हारे थे। प्रतिभा सिंह 2014 और 1998 में चुनाव हारीं। कौल सिंह ठाकुर 1999 में मंडी संसदीय सीट से चुनाव हारे थे। रामलाल ठाकुर 2007, 2019 में हमीरपुर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव हारे थे। चंद्र कुमार को 2009 और 2014 के चुनाव में कांगड़ा से हार का सामना करना पड़ा था।
वर्ष 2019 के चुनाव में मंडी संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा ने 4,05459 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा को हराया था। 2019 में कांगड़ा सीट से भाजपा प्रत्याशी किशन कपूर ने 72.02 प्रतिशत मत प्राप्त कर कांग्रेस प्रत्याशी पवन काजल को हराया था।