15 करोड़ में तो बागी विधायक बिके हैं लेकिन उनके सरगना ने इससे अधिक लिए होंगे। उपचुनाव में जनता को बताएंगे कि बिकाऊ को जिताऊ नहीं बनाया जाता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नादौन के सेरा में पत्रकारों के सवाल के जवाब में यह बात कही। बागी विधायकों के मानहानि का दावा करने के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को जांच में सबूत मिले हैं। सबूत के आधार पर ही यह बात बोली जा रही है।
सीएम ने कहा कि यह लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश है। जो लोग जनता के वोट पर चुनकर आते हैं और नोट के दम पर विधायकी से इस्तीफा देते हैं, उसके पीछे के राज को तो जनता की अदालत में बताना ही पड़ेगा। 14 महीनों में विधायकों के करोड़ों रुपये के काम हुए। फिर ऐसा क्या कारण हुआ कि शाम को हमारे पास डिनर करते हैं और अगली सुबह जाकर अपनी धन आत्मा को बदल देते हैं। राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया, लेकिन बजट में क्यों नहीं आए? बजट को आम जनता के लिए था।