कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस मेले में रोजी रोटी कमाने के लिए रेहड़ी लगाया करता था, एक दिन उसी मेले में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करूंगा। यह सब घुमारवीं विधायक राजेश धर्माणी की पहल के कारण ही संभव हो पाया है। उन्होंने मुझे ग्रीष्मोत्सव घुमारवीं में मुख्यातिथि बनने का मौका दिया। इसके लिए मैं उनका आभारी हूं। यह बात घुमारवीं जिला स्तरीय ग्रीष्मोत्सव का शुभारंभ करते समय आईएएस इशांत जसवाल ने कही
घुमारवीं में हर वर्ष पांच से नौ अप्रैल तक होने वाले जिलास्तरीय ग्रीष्मोत्सव का शुभारंभ धूमधाम के साथ हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में आईएएस अधिकारी इशांत जसवाल मौजूद रहे। इशांत ने कहा कि यह उपलब्धि नहीं, मैं इसे उत्तरदायित्व समझूंगा। जनता ने जो सम्मान और प्यार दिया है उसे हमेशा याद रखूंगा और अपने कार्यकाल में जो भी निर्णय होंगे वो पूरी जिम्मेदारी के साथ लूंगा। इस मौके पर घुमारवीं विधायक राजेश धर्माणी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इससे पहले मेला आयोजन समिति द्वारा शिव मंदिर में पूजा अर्चना की गई और उसके बाद वहां से मेला मैदान तक शोभा यात्रा निकाली गई। वहीं खूंटी गाड़कर मेले का शुभारंभ किया गया। इस शोभा यात्रा में उपस्थित सभी लोगों को रंग बिरंगी पगड़ियां पहनाईं गईं
शोभा यात्रा ढोल नगाड़ों के साथ शिव मंदिर से शुरू हुई जो बाजार गांधी चौक से होती हुई मेला स्थल पर पहुंची। मेले को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखा गया तथा शोभा यात्रा में लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। शहर को रंग बिरंगी लड़ियों के साथ दुल्हन की तरह सजाया गया है। मुख्य अतिथि ने मेले में विभिन्न विभागों के द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का रिबन काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्कूली छात्रों व विभिन्न महिला मंडल सदस्यों के द्वारा समूह गान, नृत्य, भांगड़ा के साथ ही कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए
इंशात ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मेले हमारी पुरानी धरोहर हैं जिन्हें संजोए रखना हमारा दायित्व बनता है। इस प्रकार के आयोजनों से आपसे भाइचारे को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने सभी क्षेत्रवासियों को मेले की बधाई दी। कहा कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस मेले में कभी रेहड़ी लगाई गई हो वहां पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने का मौका मिलेगा। यह अविश्वसनीय है। उन्होंने कहा कि जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है मगर भरोसा रखो तो निश्चित ही कामयाबी हासिल होती है।