पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि ”मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि लगभग डेढ़ महीने मेरे साथ जो राजनीति दोनों पार्टियों ने की, भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया। मुझे इस बार खेद से कहना पड़ रहा है। हमने भारतीय जनता पार्टी को हमारे कार्यकर्ता इकट्ठे हुए। भाजपा को हमने खून पसीने से सींचा है मुझे दर किनार किया और मुझे ये भी कहा कि आप पार्टी द्वारा पार्टी के आला नेता मेरे घर में पहुंचे। रामलाल मारकंडा रुकिए, हम पार्टी का टिकट रिव्यू कर रहे हैं। आपको टिकट देने वाले हैं और अन्तोगत्वा मुझे जवाब मिला कि हम टिकट बदल नहीं पा रहे हैं।”

”उसी बीच में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू से मेरा संपर्क हुआ। उन्होंने अपने टिकट देने की बात कही और चार तारीख तक मुझे कहा गया मुझे कहा जाता कहते रहे कि आपको दिल्ली जाना पड़ेगा और ज्वाइन करना पड़ेगा। शिमला ज्वाइन करना पड़ेगा। आपको टिकट देने वाले हैं और पांच तारीख को मेरा टिकट कटा। कांग्रेस पार्टी से मिले डेढ़ महीने का समय मैंने जाया किया। मेरा कोई मन नहीं था कि मैं चुनाव लड़ूंगा। जब पिछले कल मैं लाहौल पहुंचा, यहां के लाहौल के हमारे जनमानस, तुम्हारे मेरे दोस्त, मेरे कार्यकर्ता जो थाने से लेकर मेरे साथ रहे हैं, सभी ने फैसला किया कि आपको चुनाव लड़ना ही पड़ेगा। तत्काल मैंने फैसला ले लिया।”