हिमाचल प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में धर्मशाला, कुटलैहड़ और बड़सर के रण में कांग्रेस-भाजपा के राजपूत-ब्राह्मण समुदाय के प्रत्याशियों में घमासान होगा।  गगरेट में ब्राह्मण तथा सुजानपुर और लाहौल-स्पीति में राजपूत प्रत्याशियों के चुनावी कौशल की परीक्षा होने जा रही है। भाजपा ने कांग्रेस से बागी सभी छह पूर्व विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्रों से दोबारा प्रत्याशी बनाया है। कई वर्षों तक कांग्रेस में रहे इन नेताओं के भाजपा में जाने के बाद से कांग्रेस को नये सिरे से सेकेंड लाइन नेताओं को तलाशना पड़ा। पूर्व विधायकों को उनकी ही रणनीति से घेरने के लिए कांग्रेस ने जातीय कार्ड को अधिमान देते हुए उम्मीदवार उतारे। जातीय गुणा-भाग करने के चलते ही कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची देर से आई है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के गृह संसदीय क्षेत्र हमीरपुर के चार हलकों सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ में विधानसभा उपचुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में सरकार को स्थिर बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने हर समीकरण पर माथापच्ची करने के बाद जातीय आधार पर प्रत्याशियों को तय किया है। कांग्रेस ने गगरेट से ब्राह्मण समुदाय से भाजपा प्रत्याशी चैतन्य शर्मा के मुकाबले में राकेश कालिया को अपना प्रत्याशी बनाया है। गगरेट में जातीय समीकरणों के अनुसार करीब 38 प्रतिशत राजपूत हैं, तो ब्राह्मण 14 प्रतिशत के करीब हैं। अनुसूचित जाति की प्रतिशतता 27 प्रतिशत के करीब है, और अन्य पिछड़ा वर्ग भी 11 से 14 प्रतिशत के करीब है