बारिश न होने और प्रचंड गर्मी की वजह से हिमाचल प्रदेश में जल संकट गहरा गया है। सूबे की करीब 1000 पेयजल योजनाओं में पानी न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। शिमला और सोलन जिले में पानी के लिए हाहाकार मच गया है। बिलासपुर जिला में भी दिन ब दिन हालात गंभीर होते जा रहे हैं। उधर, जलसंकट पर सरकार भी गंभीर हो गई है। मुख्यमंत्री ने विभाग को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं और साप्ताहिक रिपोर्ट मांगी जा रही है। जल शक्ति विभाग भी वैकल्पिक इंतजामों में जुट गया है। लोगों को टैंकरों के माध्यम से पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है।

भीषण गर्मी के बीच कई इलाकों में उपभोक्ताओं को चौथे से सातवें दिन पानी मिल रहा है। प्रदेश में जल शक्ति विभाग की कुल 10,067 पेयजल परियोजनाएं हैं। इनमें से 1000 योजनाओं में जलस्तर 80 फीसदी तक घट गया है। इन योजनाओं में जलस्तर इतना कम हो गया है कि जलशक्ति विभाग के टैंक नहीं भर पा रहे हैं। शिमला जिले के तहत राजधानी शिमला और ठियोग के अलावा सोलन जिला के कसौली, धर्मपुर में सबसे अधिक जल संकट है। ठियोग में 84 पेयजल योजनाएं सूखीं, महज 7 टैंकरों से सप्लाई शिमला जिले के तहत उपमंडल ठियोग में कुल 313 पेयजल योजनाएं हैं, जिनमें से 84 सूख गई हैं। कुछ इलाकों में लोगों को हफ्ते में सिर्फ एक दिन टैंकरों से पानी मिल रहा है। जलसंकट से जूझ रही हजारों की आबादी को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जल शक्ति विभाग ने महज 7 टैंकर लगाए हैं। विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक भोपल का कहना है कि क्षेत्र में 9 टैंकरों की डिमांड है, 7 टैंकर उपलब्ध हैं। दो अतिरिक्त टैंकरों की व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं।