पुलिस ने फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर वाहनों की जांच करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह तीनों आरोपी शालूघाट में मंदिर द्वार के समीप अपनी गाड़ी में बत्ती लगाकर वाहनों को जांच के लिए रोक रहे थे। जिसकी शिकायत एक व्यक्ति ने पुलिस को दी। पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि यह तीनों अपना रूतबा बनाने के लिए गाडिय़ों की जांच कर रहे थे। अभी तक किसी भी व्यक्ति से पैसे ऐंठने को लेकर कोई शिकायत नहीं है। पुलिस सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रही है।

पुलिस जानकारी के अनुसार स्थानीय निवासी अर्की जिला सोलन ने पुलिस को शिकायत दी कि जब वह अपनी कार में तेल डालने के लिए खारसी जा रहा था, तो शालूघाट में मंदिर गेट के पास एक कार खड़ी थी, जिसपर लाल बत्ती लगी हुई थी। कार के साथ दो व्यक्ति खड़े थे जो आने-जाने वाली गाड़ियों की जांच कर रहे थे और अपने आप को सीबीआई के अधिकारी बता रहे थे। पुलिस ने इस शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए तीन आरोपियों मनोज कुमार, विनोद कुमार और नरेश कुमार उर्फ भूरा को गिरफ्तार किया। तीनों आरोपी हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के निवासी हैं। गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों से गाड़ी में लगी फ्लैशर लाइट को भी कब्जे में लिया। 

एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि तीनों शालूघाट मंदिर में माथा टेकने आए थे। वहां उन्होंने सीबीआई अधिकारी बनकर गाड़ियों की जांच करने और अपना रुतबा बनाने का प्लान बनाया। नरेश कुमार उर्फ भूरा डीएसपी सीबीआई बनकर गाड़ी में बैठ गया, जबकि मनोज कुमार और विनोद कुमार आने-जाने वाली गाड़ियों को चेकिंग के लिए रोकने लगे। मौके पर लोगों की भीड़ जुटने पर वे वहां से भाग गए। जांच में पाया गया कि इन तीनों ने गाड़ी पर लगी फ्लैशर लाइट 12 जुलाई को ऑनलाइन मंगवाई थी। अभी तक की जांच में इनकी तरफ से पैसे उगाही की कोई बात सामने नहीं आई है। फिर भी मामले की प्राथमिकता से जांच जारी है।