मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने प्रदेश के 6,000 से अधिक अनाथ बच्चों को कानूनी अधिकार प्रदान करते हुए उन्हें ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है। प्रदेश सरकार ने बेसहारा बच्चों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की जिम्मेदारी उठाई है। सरकार की ओर से इन बच्चों के शैक्षणिक व्यय के साथ-साथ जेब खर्च के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह प्रदान किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त भूमिहीन बेसहारा बच्चों को घर बनाने के लिए तीन बिस्वा भूमि, गृह निर्माण के लिए 3 लाख रुपये, स्टार्टअप परियोजनाओं के लिए 2 लाख रुपये तथा विवाह के खर्च के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
शनिवार को शिमला में वेद विहार पब्लिक स्कूल एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष केएस श्रीकोट ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष के लिए 1,54,08,657 रुपये का चेक भेंट किया। इस धनराशि के अलावा सोसायटी ने 110 बैंच, 16 लकड़ी के बक्से, 84 कुर्सियां, तीन संगीत वाद्य यंत्र और विभिन्न प्रकार की ज्ञानवर्धक पुस्तकें भी प्रदान कीं। इस उदार योगदान के लिए मुख्यमंत्री ने सोसायटी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे समाज के संपन्न वर्गों को वंचित एवं जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए आगे आने के लिए प्रेरणा मिलेगी। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष विनय कुमार, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी तथा कांग्रेस नेता सतपाल रायजादा भी उपस्थित थे।
एचआरटीसी प्रबंधन ने नादौन को नए बस डिपो का तोहफा दिया है। प्रदेश सरकार के आदेशों पर एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहनचंद ठाकुर ने अधिसूचना जारी की है। इस डिपो के तहत कौन से रूट संचालित होंगे, इसे लेकर अलग से आदेश जारी होंगे। नादौन एचआरटीसी का 30 वां डिपो होगा। हमीरपुर के अलावा नादौन जिला का दूसरा डिपो होगा। नादौन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का गृह क्षेत्र है। लंबे समय से हमीरपुर जिला में एक अतिरिक्त डिपो की मांग उठ रही थी। बीते तीन साल के भीतर खोला गया नादौन एचआरटीसी का सातवां डिपो है। इससे पहले संसारपुर टैरेस, नगरोटा, परवाणू, करसोग, जोगिंद्रनगर और नेरवा डिपो में खोले गए हैं। एक डिपो में 20 से 25 अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती होती है।