केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्वतंत्रता दिवस के पहले दिन बुधवार को वीरता व विशिष्ट सेवा के लिए पुरस्कारों की घोषणा की है। हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) रंजना शर्मा निवासी भद्राश, रामपुर और आईटीबीपी के डीआईजी सुन्नी के पवन नेगी को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए चुना गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सराहनीय सेवा के लिए बिलासपुर जिला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संदीप धवल, इंस्पेक्टर नाग देव और सब इंस्पेक्टर हेम प्रकाश को पुलिस पदक, हिमाचल में होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा के लिए वरिष्ठ प्लाटून कमांडर जय कुमार को भी सराहनीय कार्य के लिए पदक के लिए चुना गया है। अग्निशमन विभाग में बेहतर सेवाओं के लिए स्टेशन फायर अफसर मनसा राम और राजेंद्र कुमार और सब फायर अफसर अशोक कुमार को भी पदक से नवाजा जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की है। 15 अगस्त को इन सभी को सम्मानित किया जाएगा। 

राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए सम्मानित एएसआई रंजना शर्मा ने लापता 50 लापता बच्चों की तलाश कर घर पहुंचाया था। इसके अलावा उन्होंने पति-पत्नी के झगड़ों का निपटारा किया है। थानों में सेवाएं देकर उन्होंने करीब 1,500 शिकायतों का निपटारा किया। पोक्सो एक्ट के तहत उनकी ओर से किए गए सराहनीय कार्यों के लिए जज ने भी सराहना की है। एनडीपीएस व एक्साइज के कई मामलों की जांच कर उन्हें सुलझाया है। रंजना शर्मा ने बताया कि राष्ट्रपति पुलिस पदक पाकर खुश हैं। इससे पहले उन्हें सराहनीय कार्य के लिए भी पदक से नवाजा गया है। उन्होंने इसका श्रेय अपनी माता पुन्नी देवी और पिता दुनीचंद को दिया है। रंजना रामपुर के भद्राश की रहने वाली हैं। 

पवन कुमार नेगी शिमला जिले के सुन्नी तहसील की जूणी पंचायत से संबंध रखते हैं। पवन कुमार नेगी दो बार विदेशों में सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में उग्रवाद के दौरान दो बार ड्यूटी दी। 

एचआरटीसी की बस में बम रखने का पर्दाफाश इंस्पेक्टर नागदेव ने किया था। हिमाचल में उस समय भाजपा की सरकार थी। शांता कुमार मुख्यमंत्री थे। एचआरटीसी की बस चंडीगढ़ से धर्मशाला आ रही थी। सूचना मिली कि बस में किसी ने बम रखा है। उन्होंने मैहतपुर-ऊना बैरियर में बस खड़ी कराकर बम को बाहर निकाला था। इस बस में 56 लोग सवार थे। जिला कुल्लू में सेवाएं देते हुए भांग उखाड़ो अभियान में अहम योगदान रहा है। कई चरस, अफीम वाले सलाखों के पीछे पहुंचाए। हाईकोर्ट से भागे आरोपी को भी उन्होंने पकड़ा है। वह सराहनीय सेवाएं के लिए पुरस्कार देने के लिए खुश हैं। 
सराहनीय सेवाएं के लिए पदक से नवाजे जाने वाले सब इंस्पेक्टर हेम प्रकाश वर्तमान सीआईडी कार्यालय में तैनात हैं। सिरमौर में हुए मर्डर की गुत्थी 42 घंटे के भीतर सुलझा दी थी। आरोपी को सलाखों के पीछे डाल दिया। काशगंज यूपी से आरोपी को पकड़कर लाया गया। वहीं हिमाचल की लड़की को अगवा करने वाले आरोपी को जम्मू-कश्मीर से पकड़कर शिमला लाया गया। इसके अलावा नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की गई। कई आरोपी जेल में डाले गए। पदक से सम्मानित किए जाने पर वह बहुत खुश हैं।

 संदीप धवल मौजूदा समय में एसपी बिलासपुर के पद पर तैनात हैं। शिमला में पानी दूषित होने के कारण पीलिया फैला था। इसमें कई लोगों की जान चली गई थी। सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। संदीप धवल को एसआईटी का जिम्मा सौंपा गया था। उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए उनके कार्यों की सराहना की थी। इसके अलावा इंडियन टेक्नोमैक कंपनी लिमिटेड सिरमौर के वैट और बैंक ऋणों के भुगतान में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की जांच की थी। कंपनी निदेशकों, कर्मचारियों, आबकारी अधिकारियों, निजी व्यक्तियों सहित 22 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र उनके द्वारा तैयार किया गया था। 

स्टेशन फायर अफसर मनसा राम 27 साल से अग्निशमन विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। 2014 में शिमला के महालेखाकार कार्यालय में लगी आग को बुझाकर सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिए कार्य किया। शिमला की तिब्तियन मार्केट में हुए भूस्खलन, किन्नौर में रामणी, पूर्वणी और सापनी में हुई आग की अलग-अलग घटनाओं जान-माल की सुरक्षा की। 

मंडलीय अग्निशमन अधिकारी राजिंद्र कुमार को जान-माल की सुरक्षा के लिए किए गए कार्यों और दस सालों में 3,500 लोगों को आग से सुरक्षा का प्रशिक्षण देने पर चयनित किया गया है। राजिंद्र ने रेलवे बोर्ड बिल्डिंग शिमला में 4 जून 2000, लक्कड़ बाजार में 6 दिसंबर 2010 में और लंबीधार में 2008 में लगी आग, तिब्तियन मार्केट में 2010 में हुए भूस्खलन में दो लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई थी।

साल 2010 में शिमला के लक्कड़ बाजार में आधी रात को आग की घटना के दौरान करीब 60 कश्मीरियों को सुरक्षित निकालने के साथ हाल ही 2 जुलाई को कांगड़ा की उफनती बनेर खड्ड से छह लोगों को सुरक्षित निकालने में अशोक कुमार की भूमिका सराहनीय रही है। 


 उपमंडल की संघोल पंचायत के टिकरू गांव के निवासी बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट राजेंद्र कुमार शर्मा को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मेरिटोरियस सर्विस के पुलिस मेडल से सम्मानित किया जाएगा। दिवंगत जगन्नाथ और लोटां देवी के पुत्र राजेंद्र कुमार वर्ष 1988 में बीएसएफ में बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती हुए थे। बीएसएफ में अपने अभी तक के 36 वर्ष के कार्यकाल के दौरान राजेंद्र शर्मा देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पांच वर्ष तक वो एसएसजी में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। राजेंद्र शर्मा ने अपना मेडल अपने माता- पिता को समर्पित करते हुए बताया कि कोई भी कार्य मेहनत से किया जाए तो उसका फल अवश्य मिलता है।