प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने आठ वर्ष बाद प्रश्नपत्रों के पैटर्न में बदलाव करने जा रहा है। मार्च 2025 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में प्रश्नपत्र नए प्रारूप में नजर आएंगे।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने आठ वर्ष बाद प्रश्नपत्रों के पैटर्न में बदलाव करने जा रहा है। मार्च 2025 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में प्रश्नपत्र नए प्रारूप में नजर आएंगे। 35 फीसदी आसान, 30 फीसदी नपेतुले और 25 फीसदी कठिन प्रश्न पूछे जाएंगे। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने धर्मशाला में प्रेसवार्ता में बताया कि मार्च 2025 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्र बदले होंगे। अलग-अलग सेक्शन में पूछे जाने वाले एमसीक्यू प्रश्नों को सेक्शन-ए में रखा जाएगा। यह संख्या 20 फीसदी तक होगी।
एमसीक्यू प्रश्नों को हल करने के लिए ओएमआर सीट भी दी जाएगी। यह बदलाव तीसरी, पांचवीं, आठवीं, नौवीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के प्रश्नपत्रों में देखने को मिलेगा। प्रश्नपत्र के पैटर्न में बदलाव करने का मुख्य उद्देश्य बोर्ड के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है। पहले देखा गया है कि बोर्ड के प्रश्न रटा वेस्ड थे, जिन्हें अब बदला जा रहा है। जल्द ही नए पैटर्न के मॉडल पेपर छात्रों को उपलब्ध करवा दिए जाएंगे, जिससे उन्हें बोर्ड परीक्षा के दौरान दिक्कतों का सामना न करना पड़े। नए पैटर्न के तहत 35 फीसदी आसान प्रश्न, 30 फीसदी नपेतुले और 25 फीसदी कठिन प्रश्न पूछे जाएंगे।
उन्होंने बताया कि मार्च 2025 में होने वाली वार्षिक परीक्षाओं के दौरान उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में स्टेप वाइज मार्किंग को अपनाया जाएगा। अभ्यर्थियों को आधे लिखे प्रश्न के भी अंक मिलेंगे। ये अंक किस प्रकार से दिए जाएंगे, इनका प्रारूप तैयार किया जा रहा है। प्रश्नों को तैयार करने के लिए जहां विशेषज्ञों के लिए सेमिनारों का आयोजन किया जा रहा है, वहीं उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बोर्ड मुख्यालय में पिछले माह ही एक राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार हुआ है, जिसमें विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया गया है।