पवित्र एवं ऐतिहासिक रिवालसर झील के पानी का रंग अचानक अपना रंग बदल रहा है। बारिश के बाद पानी का रंग अधिक भूरा हो गया है। यह पहले हल्का भूरा था। यह बदलता रंग इस विश्व की प्रसिद्ध झील के अस्तित्व पर खतरे का संकेत दे रहा है। यह झील साल 2017 के बाद एक बार फिर बदहाली की ओर अग्रसर होती नजर आ रही है। रिवालसर झील के पानी का रंग रिवालसर बैशाखी मेले के तुरंत बाद बदलना शुरू हो गया था। अचानक पानी के रंग में आए बदलाव के कारणों का पता लगाने के लिए डीएजी यानी झील की देखभाल करने वाली संस्था डेवलपमेंट एक्शन ग्रुप जल्द इसकी जांच करवाएगी।
हालांकि, इसके पानी के रंग का बदलना झील किनारे गंदे पानी की निकासी का उचित प्रबंधन न होना, रिवालसर सीवरेज के कार्य का बंद होना, झील में गंदे पानी का प्रवेश, बरसात में झील में टनों के हिसाब से गई मिट्टी व गाद, बेमौसमी बारिश होने के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ भी हो यह यह तीन धर्मों की स्थली के लिए खतरे का संकेत है। डीएजी के निदेशक नरेश शर्मा के ने कहा कि वह झील के पानी की जांच के संदर्भ में पीसीबी रिजनल ऑफिस गुटकर और एनआईएच रुड़की के साथ अन्य एजेंसियों से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन को भी वस्तुस्थिति से अवगत करवाया जा चुका है।