हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार में पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय प्रवक्ता और ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर का दर्द छलका है। शनिवार को राठौर ने कहा कि कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं होनी चाहिए
मुख्यमंत्री को इस बाबत गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी को जीत दिलाने वाले कार्यकर्ताओं को उचित मान-सम्मान मिलने में कहीं न कहीं कुछ कमी है। भाजपा सरकार के समय कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं पर दर्ज हुए केस भी अभी तक वापस नहीं लेने को लेकर उन्हें मलाल है।
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह कुछ माह से लगातार इस मामले को उठा रही हैं। बीते दिनों दिल्ली जाकर भी हाईकमान के समक्ष भी प्रतिभा ने संगठन की अनेदखी को लेकर आवाज उठाई। अब पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राठौर ने भी यह मामला उठाकर कांग्रेस की राजनीति गरमा दी है।
राठौर ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह पार्टी के लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। हिमाचल में अगर कांग्रेस सत्ता में आई है तो निश्चित रूप से इसमें कार्यकर्ताओं का योगदान है। सैकड़ों कार्यकर्ताओं पर अभी भी दर्जनों केस दर्ज हैं। स्वयं उन पर भी केस दर्ज हैं।
अभी तक ये केस वापस नहीं लिए गए हैं। जिन कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया है और जिनकी वजह से कांग्रेस सत्ता में आई, ऐसे कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। इससे कार्यकर्ताओं में रोष है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार में बैठे लोग और मुख्यमंत्री इस विषय पर गंभीरता से विचार करेंगे।
राजभवन पहुंचकर राठौर ने राज्यपाल का सौंपा ज्ञापन
राठौर ने शनिवार को राजभवन जाकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भी मुलाकात की। राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर राठौर ने कहा कि प्रदेश में भारी बरसात से राज्य की अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे, सड़कों, पुलों, आवासों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और सैकड़ों लोगों की आजीविका को नुकसान पहुंचा है। कहा कि वह केंद्र सरकार से प्रदेश को विशेष वित्तीय पैकेज उपलब्ध करवाने का आग्रह करें