परवाणू-सोलन फोरलेन पर पहाड़ों से भूस्खलन रोकने के लिए रेनफोर्स मैट तकनीक अपनाई जा रही है। इससे पहाड़ियों को ढकने का कार्य शुरू हो गया है। इससे पहले पहाड़ों को सुरक्षित कर रही कंपनी की ओर से ड्रिलिंग कार्य किया गया था। अब कुछ साइटें ऐसी हैं, जहां पर ड्रिलिंग कार्य पूरा कर रेनफोर्स मैट बिछाने का कार्य शुरू हो गया है। इससे यदि पहाड़ी से पत्थर दरकता है तो वे सड़क तक नहीं आएगा। रेनफोर्स मैट के अंदर ही पत्थर और मलबा रह जाएगा। इससे वाहन चालकों के लिए जोखिम भी कम होगा और बरसात में भी सफर सुरक्षित रहेगा।

इसके अलावा कंपनी की ओर से मैकमेट ग्रीन हाइड्रोस्टिक घास और मैश विधि से दरक रहे पहाड़ों को रोकने का प्रयास किया जाएगा। मैश विधि को उन पहाड़ों पर अपनाया किया जा रहा है। जिन पहाड़ों से सिर्फ पत्थर गिरने का खतरा रहता है। जबकि मैकमेट ग्रीन हाइड्रोस्टिक घास विधि को मिट्टी के साथ दरकने वाले पहाड़ों पर प्रयोग में लाया जाएगा। ड्रिल करने के बाद पहाड़ों में मैकमेट ग्रीन हाइड्रोस्टिक घास लगाया जाएगा। इसके बाद रेनफोर्स मैट लगाया जाएगा।