जिंदगी के खेल निराले हैं कि कभी एक पल में सबकुछ दे देती है तो कभी एक ही पल में सब कुछ ले लेती है। पंडोह के सांबल में बारिश के कारण मलबे में अपना परिवार गंवाने वाले नितेश की हालत कुछ इसी तरह की है। 14 अगस्त से लेकर दो सितंबर शनिवार शाम तक सांबल हादसे में लापता उसकी पत्नी, बेटी और बहन के शवों का अभी तक भी कोई सुराग नहीं लगा है।
ऐसे में अब उनका अंतिम संस्कार करने के लिए भी वह वंचित रह गया है। प्रशासन की ओर से लगाई मशीनों की ओर से सर्च अभियान शुरू कर दिया जाता है । प्रशासन के अधिकारी और एसडीआरएफ के जवान भी मौके पर मौजूद रहते हैं। आज लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी उनके शव नहीं मिल पा रहे हैं।
हालांकि मशीनें नितेश के घर तक तो पहुंच गई हैं और वहां घर का कुछ सामान भी मिला है पर लापता शवों को कोई अता पता नहीं लग रहा है। उधर, उसकी मां का कई बार ऑपरेशन हो चुका है और अब भी नेरचौक मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन है।
आलम यह है कि अब नीतेश रोज सुबह 10 बजे नेरचौक से हॉस्पिटल से सांबल पहुंच जाता है और सर्च अभियान खत्म होने के बाद हॉस्पिटल अपनी मां के पास रहता है। उसका अब तक का समय इतना कठिन है कि हर किसी को उसकी इस हालत पर रोना आता है।