प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। 58 से 60 वर्ष सेवानिवृत्ति आयु करने के लिए कार्मिक विभाग ने वित्त विभाग को पत्र भेजा है।
हिमाचल प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। 58 से 60 वर्ष सेवानिवृत्ति आयु करने के लिए कार्मिक विभाग ने वित्त विभाग को पत्र भेजा है। विभिन्न चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठनों की मांग पर सरकार ने इस बाबत विचार शुरू किया है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मई 2024 को इस संदर्भ में आए आदेशों पर भी सरकार ने अमल करना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने से पहले कार्मिक विभाग ने वित्त विभाग से मामले को लेकर पूरी जानकारी मांगी है।
वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट की मंजूरी के लिए फाइल भेजी जाएगी। विभिन्न चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बीते लंबे समय से सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ भेदभाव हो रहा है। जो कर्मचारी 10 मई 2001 के बाद सरकारी सेवाओं में लगे हैं, उन्हें 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त नहीं किया जा रहा है। जबकि मई 2001 से पहले नियुक्त कर्मी 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
बीते दिनों प्रदेश हाईकोर्ट ने 21 फरवरी 2018 को राज्य सरकार की तरफ से जारी उस अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसमें यह व्यवस्था दी गई थी कि 10 मई 2001 के बाद नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त किया जाएगा। इस अधिसूचना को एकसाथ कई याचिकाओं के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी।
अदालत में एकसाथ 112 याचिकाओं का निपटारा किया गया। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार को यह निर्देश जारी किए कि जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अंतरिम आदेश के तहत अपनी सेवाएं 58 वर्ष के बाद भी जारी रखे हुए हैं, वह 60 वर्ष की आयु तक कार्य करेंगे। इसी कड़ी में अब कार्मिक विभाग ने वित्त विभाग से मामले को लेकर मंजूरी मांगी है।