शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के तहत दुर्गम क्षेत्र 15/20 के क्याव और कूट पंचायत का संपर्क पिछले एक महीने से पूरी दुनिया से कटा हुआ है। भारी बारिश के कारण क्याव गांव के पास सड़क का करीब 70 मीटर हिस्सा पूरी तरह से बह गया है। हालात ऐसे हैं कि वाहन तो दूर की बात लोगों के लिए पैदल चलने का रास्ता तक नहीं बचा है। इस कारण लोगों को अस्पताल और जरूरी कार्यों के लिए आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं।

वहीं क्षेत्र के बागवानों की सेब की फसल पेड़ में ही पक कर गिरना शुरू हो गई है। इससे क्षेत्र की करोड़ों की सेब फसल पेड़ों पर ही सड़ने का खतरा मंडरा रहा है। हालत यह है कि सड़क तो दूर, सेब को पीठ या खच्चर पर ले जाने की व्यवस्था तक नहीं है। क्याव पंचायत के उपप्रधान दलीप निल्टू, गुरु राम, ग्राम शक्ति केंद्र अध्यक्ष शिव सिंह टोलटा, केहर सिंह, प्रकाश निल्टु, लवली निल्टु, नरेंद्र राणा और कुलदीप राणा सहित अन्य बागवानों ने कहा कि क्याव-कूट सड़क एक माह से बंद है।

इस कारण अभी तक दोनों पंचायतों में वाहनों की आवाजाही तो दूर, पैदल चलने के रास्ते की व्यवस्था तक नहीं हो पाई है। पैदल रास्ता नहीं होने के कारण लोगों के लिए अस्पताल तक जाना भी मुश्किल हो गया है। वहीं सेब की फसल पेड़ों में ही पकने के बाद गिरना शुरू हो गई है। लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार एक माह से सड़क को खोलने में असफल रही है। वहीं पैदल रास्ता तक नहीं बना पा रही है।

से में स्थिति यह है कि न तो ग्रामीण पैदल आवाजाही कर सकते हैं और न ही सेब की फसल को खच्चर या मजदूरों से वाहनों तक पहुंचा सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जल्द सड़क बहाल किया जाए, जिससे वे सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचा सके। लोक निर्माण विभाग के एसडीओ गोवर्धन शर्मा ने बताया कि क्याव-कूट मार्ग पूरी तरह से टूट गई है। नई सड़क चट्टान काटकर बनानी पड़ेगी। इसमें अभी समय लगेगा। लोगों को पैदल चलने के लिए पैदल रास्ते को बनाने का प्रयास किया जा रहा है।