बद्दी को पिंजौर से जोड़ने वाला मुख्य समेत वैकल्पिक पुल भी ढहा गया है। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ के लिए ट्रक रूपनगर होकर आएंगे। इससे वाहनों को 100 किमी का अतिरिक्त सफर करना पड़ेगा। उद्योगों समेत स्थानीय लोगों का संपर्क भी कट गया है। सुबह से सड़े मार्ग पर जाम लग रहा है। प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है। बीबीएन में लोगों को कई दिन तक परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
बीबीएन में पुल टूटने का असर : 35% तक उत्पादन ठप
बीबीएन की लाइफलाइन बद्दी पुल के टूटने से प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में 35 फीसदी तक उत्पादन ठप हो गया है। बीबीएन में प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। यहां कामगार व कर्मचारी हरियाणा के पिंजौर, कालका व पंचकूला की ओर से आते हैं। इन कामगारों को लाने के लिए बसें तो लगी हैं, लेकिन 15 किमी का रास्ता तीन घंटे में तय हो रहा है। वैकल्पिक मार्गों पर जाम लग रहा है।
बीबीएन में कच्चा माल लेकर बड़े ट्रक आते हैं। वह इस मार्ग पर नहीं चल पाएंगे। इससे जिन उद्योगों के पास कच्चा माल नहीं है, वह तो बंद हो जाएंगे। इस बीच अगर प्रशासन की ओर से पुल की रिपेयर नहीं की गई तो बड़े उद्योगों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। इस बारे में बीबीएनआईए ने केंद्रीय भू-तल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी पत्र लिखा है। संघ ने औद्योगिक क्षेत्र को बचाने के लिए वैकल्पिक पुल बनाने की मांग की है।
बीबीएनडीए के सीईओ ललित जैन के साथ वीरवार को हुई बैठक में आपदा को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है। बीबीएनआई के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है और इसके लिए वह किसी को दोषी नहीं मान रहे हैं। अभी ढेरोंवाल व बालद खड्ड पर पुल है। हालांकि जाम तो लग रहा है लेकिन यहां पर पूरी तरह से आवाजाही ठप नहीं हुई है। बद्दी पुल बीबीएन की लाइफलाइन है और एनएचआई को बरसात से पहले ही पुल तैयार करना चाहिए था।