विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर आरामदायक सफर के साथ अब लोगों की सेहत का भी ध्यान रखा जाएगा। यात्रियों को स्टेशनों पर बेहतर गुणवत्ता युक्त और पौष्टिक खाद्य पदार्थ मुहैया करवाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। ईट राइट स्टेशन बनाने के लिए रेलवे बोर्ड ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ कार्य करना शुरू कर दिया है।

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नेरोगेज कालका-शिमला रेल लाइन पर पहले चरण में तीन स्टेशनों को इट राइट स्टेशन बनाने की तैयारी है। इनमें बड़ोग, सोलन और कंडाघाट स्टेशन शामिल हैं। यहां पर एफएसएसएआई के मानकों के अनुसार खाद्य पदार्थों को बनाया और बेचा जा सकेगा। अभी तक कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर कोई भी इट राइट रेलवे स्टेशन नहीं है।

पर्यटकों समेत अन्य लोगों को लुभाने के लिए बोर्ड की ओर से नए प्रयास किए जा रहे हैं। अब रेलवे बोर्ड ने स्वास्थ्य का ध्यान भी रखा है। इसमें यात्रियों को गुणवत्ता के साथ रेलवे स्टेशन की कैंटीन पर खाने की वस्तुएं दी जाएंगी। वहीं खाना और स्टेशन पर बिकने वाले अन्य खाद्य पदार्थों को बनाने की प्रक्रिया भी एफएसएसएआई के तय मानकों के मुताबिक ही की जाएगी।

खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को  जांचने के लिए हर छह माह बाद वस्तुओं का सैंपल भी भरा जाएगा और इसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। तीनों स्टेशनों का ऑडिट होने के बाद ही ईट राइट स्टेशन का सर्टिफिकेट मिलेगा।

एफएसएसएआई की ओर से रेलवे स्टेशन को ईट राइट स्टेशन बनाने के लिए कवायद शुरू की है। हाल ही में पूर्व ऑडिट के लिए तीनों रेलवे स्टेशनों का पत्र आया है। जल्द ही बोर्ड की टीम के साथ मिलकर कार्य किया जाएगा।