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प्रदेश प्रवक्ता चेतन बरागटा ने जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि कुछ दिन पहले शिमला जिला के किसान को अपनी सेब की फसल नाले में फेंकनी पड़ी क्योंकि सड़कें बंद थी। लेकिन इस सरकार ने सारे मामले को राजनैतिक रूप देते हुए किसान को ही प्रताड़ित करना शुरू किया। और अब किसान को एक लाख रुपया जुर्माना भरे का नोटिस प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भेजा है। भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध करती है।
उन्होंने कहा कि बागवान बाहुल्य क्षेत्र में बागवान विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा है। सड़के अभी भी अवरुद्ध पड़ी है जिस कारण बागवान अपने उत्पाद समय पर मंडियों में नही पहुँचा पा रहा है। क्षेत्र में खादों की किल्लत है,बागीचों में पतझड़ की समस्या जस की तस बनी हुई है। अच्छा होता सरकार नौणी विश्वविद्यालय और बागवानी विभाग की एक्सपर्ट्स टीम का क्षेत्र में विजिटि करवाते ताकि बागवानों के बागीचों में लग रही विभिन्न बिमारी का कोई समाधान करने में बागवानो की मदद होती।
चेतन बरागटा ने की पिछले साल का एम आई एस के तहत खरीदे गए फलों का भुगतान बागवान को नही हुआ है।अच्छा होता सरकार इस ओर ध्यान देती लेकिन सरकार ने इसके विपरित अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए 1-1 लाख का जुर्माना बागवानों पर लगा दिया।
चेतन बरागटा ने कहा कि वो भाजपा की तरफ से कह रहे कि बागवानों पर लगी 1-1 लाख का जुर्माना बागवान नही भरेंगे। हम एक मुहिम पुरे प्रदेश में चलाएंगे और ये पैसा/जुर्माना बागवानों से इक्ट्ठा कर सरकार को देंगे। अगर सरकार का अहंकार इसी से सन्तुष्ट होता है तो हम ऐसा कार्य जरूर करेंगे।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि अगर बागवानों के प्रति आपको थोड़ी भी हमदर्दी बची है तो इस तुगलकी फरमान को वापस ले और जिस तरह बागवान अनेकों समस्याओं से जूझ रहा है उन समस्याओं का समाधान करने पर ध्यान केन्द्रित करे।
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